अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...
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आरक्षण की नीति के खतरे - संजय गुप्त
गुजरात में अनुभवहीन युवा नेता हार्दिक पटेल की ओर से अपने समुदाय को गोलबंद कर जिस तरह आरक्षण की मांग की गई और जिससे राज्य के कई इलाकों में जो हिंसा भड़क उठी, उससे आरक्षण का मसला एक बार फिर राजनीतिक बहस के केद्र में आ गया है। आजादी के बाद अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सामाजिक-आर्थिक रूप से मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें दस वर्षों के लिए सरकारी...
More »सामाजिक न्याय के सवाल- योगेन्द्र यादव
अच्छा हुआ कि देश ने मंडल आयोग की रपट लागू करने की पच्चीसवीं वर्षगांठ को नजरंदाज कर दिया। अच्छा इसलिए नहीं, कि मंडल आयोग की रपट कोई मुसीबत थी, जिसे भुला देना ही भला है। मंडल आयोग देश में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और जरूरी कदम था। मगर, इसे बार-बार दोहराना हमें कुछ बासी और अप्रासंगिक सवालों की ओर ले जाता है। आज से 25 साल पहले 7...
More »तकनीकी शिक्षा की विसंगतियां- नीलांजन मुखोपाध्याय
विगत पांच अगस्त को लोकसभा में जवाब देते हुए मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2012 से 2015 के दौरान, कुल तीन वर्षों में सोलह आईआईटी के 2,060 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसी दौरान कुल तीस एनआईटी से 2,352 छात्र अधबीच में निकल गए। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिलने, व्यक्तिगत वजहों से, चिकित्सा कारणों से, पढ़ाई के दौरान नौकरी मिल...
More »अंबेडकर पर पुस्तक विद्यालयों से वापस ली गई
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर पर प्रकाशित एक पुस्तक के स्कूलों में पढाए जाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद स्कूलों से ये किताब वापस ले ली गई। पुस्तक में वर्ष 1956 में एक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा घोषित प्रतिज्ञाओं का प्रकाशन किया गया था। इसे लेकर ही विवाद हो गया। यह पुस्तक राज्यभर के प्राथमिक सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं के छात्रों के...
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