जब मैं 16 वर्ष की थी, तब मेरी ही उम्र का एक लड़का पटना से मेरे गृहनगर बड़ोदा (गुजरात) आया। शहर को देखकर वह चकाचौंध था। बिजली की निर्बाध आपूर्ति, सड़क की बेहतरीन दशा, रात में भी बिना किसी डर के अकेली दोपहिया वाहन चलाती महिलाएं। गरबा के दौरान, रात भर, आकर्षक बैकलेस चोली में महिलाएं घूम रही थीं। उसे अपनी आंखों पर सहसा विश्वास नहीं हो रहा था। मैंने...
More »SEARCH RESULT
आत्मनिर्भरता ने दी तरक्की - सचिन चतुर्वेदी
देश के पिछड़े राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हर आदमी अदब से फुलबासन यादव का नाम लेता है। सातवीं जमात तक पढ़ीं यादव ने जिले की हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है... बदला जीने का तरीका 10 साल की उम्र में हो गई शादी 570 बाल विवाह रुकवाने में कामयाब रहीं 2012 में भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा 37 लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका है उनकी...
More »आत्मनिर्भरता ने दी तरक्की - सचिन चतुर्वेदी
देश के पिछड़े राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हर आदमी अदब से फुलबासन यादव का नाम लेता है। सातवीं जमात तक पढ़ीं यादव ने जिले की हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है... बदला जीने का तरीका 10 साल की उम्र में हो गई शादी 570 बाल विवाह रुकवाने में कामयाब रहीं 2012 में भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा 37 लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका है उनकी...
More »जैविक खेती के प्रति बढ़ा रुझान अब सर्टिफिकेशन का इंतजार
रांची से तकरीबन 40 किमी दूर कुच्चू पंचायत के डिमरा गांव के सोहराय बेदिया इस बार 10 एकड़ जमीन पर सेम की खेती कर रहे हैं. उनके खेतों में सेम की लताएं फलियों से भरी हैं. यह अपने आप में अजीब नजारा है कि जब उनके आसपास के तमाम खेत परती पड़े हैं, पानी के अभाव में कोई किसान खेती करने के लिए तैयार नहीं है. उनके खेत लहलहा रहे हैं. वे...
More »लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा
गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
More »