कई लोग मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े राज्यों में अपना भविष्य उज्जवल बनाने की सोच लेकर आते हैं, पर ऐसे बड़े राज्यों के ही कई अजीब किस्से सुनने में आते हैं। जैसे मुंबई में एक्टिंग की चाह रखने वाले लोगों या फिर कई बार बॉलीवुड के सितारों को लोग किराए पर घर देना पंसद नहीं करते। पुणे में भी सिविल एग्जाम की तैयारी करने आए कई मुस्लिम लोग हिंदू सरनेम लगाकर...
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माना कि अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं...- तवलीन सिंह
इस लेख को लिखते हुए मुझे दुख होता है, लेकिन लिखना जरूरी है, क्योंकि जिस तरह अरुण शौरी ने पिछले सप्ताह मोदी सरकार की आलोचना की, वह मुझे निजी तौर पर बुरा लगा। मैंने जब से पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा, तब से मैं शौरी साहिब का सम्मान करती आई हूं। संयोग से मुझे अखबार में पहली नौकरी इमरजेंसी लगने से एक महीना पहले मिली थी। उस दौर...
More »UPSC परीक्षा पास कर बोले अंसार अहमद- मैं शेख हूं, शुभम नहीं....
दो दिन पहले जारी हुए यूपीएससी परीक्षा 2015 के परिणाम में महाराष्ट्र के जालना के 21 साल के अंसार अहमद शेख ने पहले ही प्रयास में 361वीं रैंक हासिल की। अंसार के पिता ऑटो चलाते हैं। जालना जिले के शेडगांव के रहने वाले अंसार को पुणे में मुस्लिम नाम की वजह से किराए का घर नहीं मिला था। इसके चलते उन्होंने नाम बदलकर शुभम रखा था। इंडियन एक्सप्रेस ने यह...
More »श्रद्धा केंद्र क्यों बने हैं आंबेडकर!- उर्मिलेश
समय और समाज भी कुछ अजीब ढंग से चलते हैं. कुछ चीजें, कुछ लोग और कुछ घटनाक्रम जो हमारी सामूहिक स्मृति से लगभग गायब हो गये होते हैं, वे एक खास कालक्रम में अचानक प्रासंगिक होकर हमारी सामूहिक चेतना का हिस्सा बन जाते हैं. यह सब समाज और समय की अपनी गत्यात्मकता के कारण होता है. आठवें दशक में हिंदी पट्टी के ज्यादातर पुस्तकालयों या बुक स्टोर्स पर डाॅ भीमराव...
More »सफल नहीं होती शराबबंदी-- आकार पटेल
मशहूर समाजशास्त्री एमएन श्रीनिवास ने कहा था कि गौहत्या पर प्रतिबंध की तरह ही शराबबंदी भी एक सांस्कृतिक कार्य है. श्रीनिवास के मुताबिक, इन प्रतिबंधों के लिए जो भी औचित्य गिनाये जायें, लेकिन हकीकत में इसके पीछे ब्राह्मणवादी और सवर्णवादी सोच है. हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं ने एक ही दिन 24 नवंबर, 1948 को इन दोनों मुद्दों पर बहस की थी. मैं यहां यह तथ्य...
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