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किसान प्रदर्शन के साइड इफेक्ट, पंजाब में यूरिया-डीएपी की भारी किल्लत, गेहूं की बुआई घटी

-आउटलुक, जुताई के बाद गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार हैं पर केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब के किसान रेलवे टैक,टोल प्लाजा और रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर पिछले 40 दिन से डटे हैं। रेल आवाजाही ठप होने से किसानों को यूरिया,डीएपीऔर बीजांे की किल्लत का सामना करना पड़ा रहा है जिसके चलते गेहूं की बुआई भी प्रभावित हो सकती है। किसानों को महंगा यूरिया,डीएपी खरीदना पड़...

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कैसे चुनाव के आगे कोरोना जैसा वायरस भी फेल हो जाता है

-सत्याग्रह, बीते 18 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देश में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस की. कांफ्रेंस में बताया गया कि कोरोना पर बनाई गई विशेषज्ञों की एक समिति ने बताया है कि देश महामारी के चरम स्थान को पार कर चुका है और अगर बचाव के पर्याप्त कदमों में कोई ढील न दी जाए तो अब यहां से स्थिति में लगातार सुधार होता नजर आएगा. समिति...

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टाइम यूज सर्वे: महिलाओं के गले में बंधा है घर का चुल्हा चौंका और देखभाल का अवैतनिक काम

अन्य कई कारणों के अलावा, देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की कम श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के पीछे एक कारण (अर्थशास्त्रियों के अनुसार) यह है कि युवा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जिसकी वजह से माध्यमिक और उच्च शैक्षिक स्तर पर महिलाओं के एनरोलमैंट में सुधार देखने को मिला है. इसका अर्थ यह है कि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएँ अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए...

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सरकारी मूल्य तय है लेकिन अस्पतालों को चुकानी पड़ रही है ऑक्सीजन की भारी कीमत

-कारवां, कोविड-19 महामारी में देश भर के अस्पताल पहले की तुलना में ऑक्सीजन पर तीन गुना अधिक खर्च करने को मजबूर हो रहे हैं. रसायन और उर्वरक मंत्रालय के दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने वाले विभाग राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने सितंबर के अंत में चिकित्सा ऑक्सीजन की कीमत कम कर दी थी. यह कदम भारत में महामारी के दौरान मांग में वृद्धि को संबोधित करने के उठाया...

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भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन: 100 साल के सफ़र के पाँच पड़ावों ने बदला इतिहास

-बीबीसी,  भारत में ही नहीं यूरोप या किसी अन्य महाद्वीप में आज कम्युनिस्ट आंदोलन बहुत मजबूत नहीं रह गया है. लेकिन इस दौरान इस विचारधारा की राजनीति भारत में अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं. अब तक के इस सफ़र के पांच सबसे अहम पड़ाव और भारतीय राजनीति में उनके मायनों पर एक नज़र: 1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ताशकंद में स्थापना-कांग्रेस के साथ रिश्ते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की शुरुआत 17 अक्टूबर, 1920...

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