एक वक्त था जब देश में हुई आइटी क्रांति ने रोजगार को पंख लगा दिए थे। एक ऐसे दौर में, जब देश का पढ़ा-लिखा नौजवान कोई मामूली वेतन वाली नौकरी करने या फिर बेरोजगार रहने को मजबूर था, आइटी क्रांति की बदौलत देश-विदेश में उम्दा रोजगार का हकदार बना था और अपनी प्रतिभा का परचम लहराया था। पर अब एक के बाद एक, इस क्षेत्र के लिए बुरी खबरें आ...
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स्त्री छवि का उनका खांचा-- मनीषा सिंह
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे खुले समाजों वाले देश 'कंटेंट वॉटरशेड टाइमिंग' जैसे तरीके का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित करते हैं कि टीवी पर ऐसी फिल्मों, धारावाहिकों और विज्ञापनों का प्रसारण उस वक्त न हो, जिस वक्त आम तौर पर बच्चे टीवी देख रहे होते हैं। इन विकसित देशों में भी ऐसी पाबंदी के पीछे यह धारणा काम कर रही है कि खुले समाज का अर्थ यह नहीं है कि वयस्क...
More »बीमार हुआ भरोसा, करना होगा 'उपचार" - डॉ सचिन चित्तावर
हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे देश में रह रहे हैं, जहां हमें बहुत ही सस्ता, मगर गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध है। दुनिया के विकसित देशों में भी इतनी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। भारतीय चिकित्सकों की गुणवत्ता और भरोसे के कारण ही दुनियाभर से मरीज भारत आकर इलाज कराना पसंद करते हैं। मगर कैसी हैरत की बात है कि भारत में ही डॉक्टरों पर सबसे...
More »नकली दवा का दर्द-- बाल मुकुंद ओझा
घटिया और नकली चिकित्सीय उत्पादों का बाजार, प्रभावी नियंत्रण के अभाव में, लगातार बढ़ रहा है। मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहे इसके खतरनाक प्रभाव को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। भारत सहित अट्ठासी देशों में किए गए अध्ययन पर आधारित इस रिपोर्ट में कई ऐसे मामलों का ब्योरा है जिनमें घटिया और नकली दवाओं के कारण सैकड़ों मरीजों की...
More »गंगा की अविरलता में निहित स्वच्छता-- उमेश चतुर्वेदी
गंगा को बचाने के लिए आखिरकार भारत सरकार ने उस सदियों पुरानी सोच को ही अंगीकार कर लिया है, जिसकी साधु-संत और आमजन गंगा सफाई अभियान शुरुआत से मांग करते रहे। यानी गंगा की धारा को अविरल बहने दो। गंगा अगर हजारों हजार साल से मुक्ति क्षमता से लैस रही है तो उसकी वजह उसकी अविरल धारा ही रही है। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि गंगा की अगर धारा...
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