पटना ग्रामीण इलाकों में होने वाली हिंसा की अधिकांश घटनाओं के मूल में भूमि संबंधी विवाद रहे हैं। शहरी इलाके भी इससे प्रभावित हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने ठोस पहल करते हुए प्रासंगिक कानून में संशोधन करते हुए भूमि विवाद निराकरण अधिनियम बनाकर इससे संबंधित नियमावली भी बना ली है। इसे एक अप्रैल के प्रभाव से लागू कर दिया गया है। दरअसल भूमि विवाद को लेकर एक आम धारणा है कि...
More »SEARCH RESULT
महंगाई पर अंकुश के लिए नीतियां बनाए आरबीआई
मुंबई। बढ़ते दामों पर चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] से महंगाई पर नियंत्रण लगाने वाली नीतियां बनाने को कहा है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के प्लैटिनम जुबली समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई की ये नीतियां ऐसी हों, जिससे नौ फीसदी से ऊंची विकास दर की राह भी आसान बने। प्रधानमंत्री ने रिजर्व बैंक को यह सलाह ऐसे समय दी है, जब वह जल्दी ही सालाना मौद्रिक...
More »प्रणब को भरोसा जल्द कम होगी महंगाई
शिलांग। महंगाई की दर भले ही सरपट चढ़ रही हो, पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को भरोसा है कि इसमें जल्द कमी आएगी। वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि रबी फसलों की कटाई के बाद खाद्यान्न सामग्रियों के दामों में गिरावट आएगी। उन्होंने माना कि कुछ जिंसों के उपलब्ध न होने के कारण महंगाई बढ़ी है। इसमें आपूर्ति में बाधा एक बड़ी वजह है। मुखर्जी ने कहा कि देश को 1.8 करोड़ टन...
More »कुपोषण ने लील लिए 43 नौनिहाल
झाबुआ। झाबुआ के आधा दर्जन गांवों में कुपोषण व बीमारियों से तीन माह में हुई 43 बच्चों की मौत ने झाबुआ से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। प्रशासन व प्रदेश सरकार जहां इन मौतों से पल्ला झाड़ एक सिरे से नकार रही है। वहीं यह मामला यूनिसेफ व संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजने से केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा...
More »सपना हो जाएगी महुए की डोभरी !
बांदा। महुआ के फूल से बनी 'डोभरी' जंगल में बसे जनजातियों के लिए अब सपना हो जाएगी। 'डोभरी' जनजातियों के जीवन का एक प्रमुख सहारा रहा है। कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातियों को अब भूखे पेट रात बितानी होगी। वन संपदा पर दबंगों की हुकूमत व सूखे की मार से मुंह का निवाला छिन गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के फतेहगंज क्षेत्र के कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातीय...
More »