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अर्थशास्त्रियों-समाजशास्त्रियों ने नीति आयोग को कटघरे में खड़ा किया, PM मोदी से की सीइओ को हटाने की मांग

पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...

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25 जिलों में बंटी 42 लाख मच्छरदानी, फिर भी नहीं बच रही लोगों की जान

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा एक ऐसा जिला है, जहां से आए दिन नक्सली मुठभेड़ की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन इस जिले की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है मलेरिया। न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात जवान भी मच्छर के आगे वेबस हैं। जवान भी मलेरिया से दम तोड़ रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि वह 42 लाख मच्छरदानियां बांट चुका है, लाखों रुपये एंट्री...

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साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर

पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...

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व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत-- विराग गुप्ता

कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पाॅक्सो मामलों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मौत की सजा से अपराधों का समाधान नहीं हो सकता है. उन्नाव और कठुआ रेप मामलों में देशव्यापी राजनीतिक असंतोष को भांपकर सरकार ने यू-टर्न लेते हुए 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. राष्ट्रपति की मंजूरी के...

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कैसे आया दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इतना बड़ा बदलाव?-- प्रीति प्रसाद

साल 2014 के जनवरी महीने की बात है. तब आह्वान ट्रस्ट ने उत्तर दिल्ली के पांच सर्वोदय विद्यालयों में काम करना शुरु किया. मकसद था प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को इस किस्म से मदद पहुंचाना कि वे स्कूल के बच्चों के लिए सबसे बेहतर मार्गदर्शक साबित हों. हम जिन जीवन-मूल्यों को भावी पीढ़ी में देखना चाहते हैं, उन मूल्यों का साकार रूप बनकर इन शिक्षकों को दिखाना था....

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