भोपाल. ‘मप्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी है। लगभग हर दुकान पर रिश्वतखोरी और कालाबाजारी का बोलबाला है। बिना रिश्वत दिए यहां कोई काम नहीं होता। अपने फायदे के लिए नौकरशाह भी चाहते हैं पीडीएस में भ्रष्टाचार चलता रहे।’ यह टिप्पणी किसी विपक्षी दल की नहीं है बल्कि पीडीएस की छानबीन के लिए सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर बनी एक सदस्यीय जस्टिस डीपी वाधवा कमेटी की है। कमेटी ने सितंबर...
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गेहूं आम व लीची पर बरपा कहर
कार्यालय संवाददाता, कांगड़ा : हाल ही में हुई बारिश व अधंड़ की वजह से जिलभर में गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊपरी क्षेत्रों में लीची और निचले इलाकों में आम की फसल भी बर्बाद हो गई है। ऐसे में इस बार बेमौसमी बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि बारिश से हुए नुकसान का अभी आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा...
More »सतारा में अन्ना के तीन साथियों पर हमला
सतारा (महाराष्ट्र) अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले संगठन भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने हमला कर दिया। इनमें एक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। सतारा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का गृह जिला है। सहायक पुलिस निरीक्षक शंकरराव दामसे ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता पीटर बर्गे को रविवार को अज्ञात व्यक्ति ने...
More »सांसदों को साध कर रखते हैं उद्योग घराने
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब संसद विवादित लोकपाल विधेयक पर चर्चा करने की तैयारी में है, एक पूर्व नौकरशाह ने कहा है कि ज्यादातर उद्योग घराने सरकारी नीतियों को प्रभावित करने या अपने पक्ष में निर्णय के लिए सासदों को साध कर रखते हैं। आर्थिक खुफिया ब्यूरो के पूर्व महानिदेशक बी.वी. कुमार ने अपनी नई किताब 'दि डार्कर साइड आफ ब्लैक मनी' में लिखा है कि कुछ बड़े उद्योग घराने...
More »अन्ना बोले, चरित्र साफ हो तो सरकार झुकाना कठिन नहीं
अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जब से सरकार को झुकाया है, तब से देश में कई आवाजें उनके विरोध में उठी हैं। पर दुनिया में अभी भी वह हीरो बने हुए हैं। मलेशियाई अखबार 'द स्टार' ने 18 अप्रैल के अंक में उन्हें भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने वाला नया हीरो करार दिया है। अखबार ने लिखा है कि उनके विरोध में जो कुछ आवाजें उठीं, जनता ने उन्हें...
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