जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...
More »SEARCH RESULT
लेबर की कमी से नहीं हो रही लिफ्टिंग
गेहूं के आगाज के साथ ही मंडी में खरीद प्रबंधों व लिफ्टिंग की पोल खुलने लगी है। जहां खरीद एजेंसियों के पास बारदाना नहीं है, वहीं लेबर की कमी के कारण लिफ्टिंग की समस्या पैदा होने लगी है। मार्केट कमेटी के अनुसार रविवार तक 7.50 लाख क्विंटल गेहूं की आवक अबोहर तहसील की कुल 36 मंडियों में हो चुकी है। मंडियों में रोजाना डेढ़ से दो लाख क्विंटल गेहूं की आवक...
More »शिक्षक नियुक्तियों के साथ ही हटने लगेंगे विद्यार्थी मित्र
जयपुर.प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे स्कूलों में लगाए गए विद्यार्थी मित्रों को अलग-अलग चरणों में हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन्हें शिक्षक भर्ती के दोनों चरणों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही हटाया जाएगा। नियमित नियुक्तियां होने से शिक्षकों के लंबे समय से रिक्त चल रहे पद भर जाएंगे। राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक सेटअप के स्कूलों में विभिन्न जिलों में करीब...
More »गेहूं खरीद में किसान हो रहे हैं प्रताड़ित: अजय सिंह
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने राज्य सरकार पर गेहूं खरीद में किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिचौलियों की बदौलत उन्हें अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेचने को मजूबर होना पड़ रहा है। सिंह ने आज यहां एक बयान में कहा कि कृषि उपज मण्डियों के आसपास बिचौलियों का व्यापार खुले आम चल रहा है। इसलिए किसानों को अपनी...
More »पानी की कमी से जूझ रहे इंसान, फाइलों में बंद योजनाएं
शिमला. प्रदेश की 28 पेयजल योजनाएं नाबार्ड के पास लटकी हुई हैं। ये सभी ऐसी योजनाएं हैं, जिसे विधायकों ने प्राथमिकता में डाल रखा था। विधानसभा और अन्य मंचों पर मामला उठने के बाद भी जनता को निराशा ही हाथ लगी है। इससे कई क्षेत्र अब भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। नाबार्ड ने अब तक इन योजनाओं पर गौर तक नहीं किया है, वहीं सरकार ने भी योजनाएं...
More »