दुनियाभर में प्रति वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया जाता है. यह मौका एक बार फिर दुनिया का ध्यान एक ऐसी बीमारी की ओर ले जाने का है, जिससे मरनेवाले 95 फीसदी लोग विकासशील देशों से हैं. इस बीमारी से ग्रसित लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं होने के चलते अभी भी सालाना तीस लाख से ज्यादा लोगों को बचा पाना एक चुनौती बनी हुई...
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वर्ल्ड टीबी डे: चार दशक से नहीं आई टीबी की नई दवा
ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) बीमारी से निजात पाने के लिए करीब चार दशक से कोई नई दवा बाजार में नहीं आई है। इससे न सिर्फ मरीजों की परेशानी, बल्कि चिकित्सकों की चुनौती भी बढ़ गई है। बीमारी को लेकर चल रहे शोधों को देखते हुए चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने तीन से चार वर्ष में टीबी की नई असरकारक दवा बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के...
More »‘जंगल हम-आपका, नहीं किसी के बाप का ’- अविनाश कुमार चंचल
अवधेश की उम्र का हिसाब रखने के लिए न तो उसके पास मां है और न बाप. शायद इसलिए हमने उससे उसकी उम्र जाननी चाही तो उसने तपाक जवाब दिया, ‘चौथी कक्षा में पढ़ता हूं.’ चौथी कक्षा ही उसकी उम्र को बयां करती है. झट हम भी हिसाब लगाते हैं- दस साल. अवधेश सिंह पनिका दस साल का बच्चा है. आदिवासी परिवार में पैदा हुआ. मध्य भारत के घने जंगलों से घिरे...
More »गरीबी उन्मूलन के काफी करीब है भारत
दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-संस्थापक मेलिंडा गेट्स मानती हैं कि आज का भारत पहले की तुलना में बेहतर है और वह गरीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुका है। वह यह भी मानती हंत कि हर भारतीय को आज स्वास्थ्य सेवा मिलती है। पिछले दिनों जब वह दिल्ली आई हुई थीं, तब उनसे विद्या कृष्णन ने...
More »गरीबी उन्मूलन के काफी करीब है भारत
दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-संस्थापक मेलिंडा गेट्स मानती हैं कि आज का भारत पहले की तुलना में बेहतर है और वह गरीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुका है। वह यह भी मानती हंत कि हर भारतीय को आज स्वास्थ्य सेवा मिलती है। पिछले दिनों जब वह दिल्ली आई हुई थीं, तब उनसे विद्या कृष्णन ने विस्तृत बातचीत...
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