डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...
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मानव-वन्यजीव संघर्ष: बढ़ते संघर्ष की भारी कीमत चुका रहे हैं भारत जैसे देश
डाउन टू अर्थ, 01 मार्च क्या आप जानते हैं कि भारत, केन्या और यूगांडा जैसे विकासशील देश, विकसित देशों की तुलना में इंसानों और वन्यजीवों के बीच होते संघर्ष की कहीं ज्यादा भारी कीमत चुका रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों को देखें तो वहां एक गाय या बैल को इस मानव-वन्यजीव संघर्ष में खोने का मतलब है कि किसान ने अपने बच्चे की करीब 18 महीने की कैलोरी को...
More »भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना
डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी यह किसी भी प्रजाति के लिए आसान नहीं है कि वह उन मूल प्रजातियों से बेहतर प्रदर्शन करे जो पहले से ही स्थानीय परिवेश के अनुकूल हों। लेकिन, सजावटी झाड़ी लैंटाना (लैंटाना कैमारा) ने आक्रामक फैलाव की कला में महारत हासिल कर ली है और अपने कौशल को लगातार निखार भी रही है। लैंटाना पहली बार 1800 के दशक की शुरुआत में लैटिन अमेरिका से भारत आई...
More »संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
डाउन टू अर्थ, 6 फरवरी देश में रक्त चंदन का अवैध व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी पुष्टि अंतराष्ट्रीय संगठन ट्रैफिक और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा जारी नई फैक्टशीट "रेड सैंडर्स: फैक्टशीट ऑफ इंडियाज रेड सैंडर्स इन इलीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड" से हुई है। फैक्टशीट के मुताबिक देश से 2016 से 2020 के दौरान 19,049 टन से ज्यादा रक्त चंदन की लकड़ी की तस्करी की गई थी। सीआईटीईएस ट्रेड डेटाबेस ने ऐसे 28 घटनाएं...
More »भारत में बनी दवा पर अब अमेरिका में जान लेने का आरोप
डीडब्ल्यू हिंदी, 3 फरवरी भारत में बनी एक और दवा विवादों के घेरे में है. अब मामला अमेरिका का है जहां के सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन नामक विभाग ने लोगों से कहा है कि वे एजरीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स नाम की आई ड्रॉप का इस्तेमाल फौरन बंद कर दें. लोगों के बीच इंफेक्शन फैलने के बाद यह फैसला लिया गया है. इस इंफेक्शन से अब तक 55 से ज्यादा लोग...
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