गुड़गांव। नगर निगम द्वारा गांव नाथूपुर के पास अरावली पहाड़ी में बनाए जा रहे बायोडायवर्सिटी पार्क में फरवरी-मार्च के दौरान 15000 पौधे लगाए जाएंगे। पार्क के रख-रखाव पर प्रति माह 4 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जल संग्रहण के लिए बरसात के दौरान तालाब बनाए जाएंगे। मानसून से पहले 6-7 वाटर बॉडी पार्क बनाए जाएंगे। गुरुवार को बायोडायवर्सिटी पार्क सोसायटी की दूसरी मासिक बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया।...
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जमीन सौंपने पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
गुड़गांव. निजी कंपनी को गुड़गांव में 350 एकड़ भूमि को महज 17 सौ करोड़ रुपये में मनमाने ढंग से बेचने को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। हरियाणा जनहित कांग्रेस बीएल के सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई ने रविवार को विवादित भूमि पर खड़े होकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का इस्तीफा मांगते हुए अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। दूसरी ओर बादशाहपुर में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि तत्काल प्रभाव...
More »खदानों से हो रही हजारों टन पत्थर की चोरी
सुधीर बैंसला, फरीदाबाद : अरावली पर्वतमाला की प्रतिबंधित पत्थर खदानों से पत्थर चोरी किया जा रहा है। रोजाना हजारों टन पत्थर चोरी करके उसे मार्केट तक पहुंचाया जा रहा है। पत्थर चोरी का यह कारोबार करीब 50 लाख रुपये रोज का है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार फरीदाबाद क्षेत्र में पाली व मांगर समेत अन्य छोटी-मोटी खदानों में खनन पर रोक लगी हुई है। इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने...
More »अरावली पहाड़ी के वन्य जीवों पर होगी विशेष नजर
गुड़गांव,जागरण संवाददाता : अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों की सुरक्षा पर सरकार ने विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसी निमित्त गुड़गांव में अलग से डीएफओ पद का सृजन किया गया है। इस पद के दायरे में गुड़गांव के अलावा मेवात, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ जिले को शामिल किया गया है। अलग शाखा के सृजन से वन्य जीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। ज्ञात हो...
More »अरावली में बेखौफ निर्माण जारी
फरीदाबाद. सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद सूरजकुंड की पहाड़ियों में बेखौफ अवैध निर्माण जारी है। कई जगह तो बड़े स्तर पर निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे निर्माण में न केवल फर्म संचालकलिप्त हैं, बल्कि वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इस तरह हो रहे निर्माण के कारण न केवल पर्यावरण की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहा है, बल्कि...
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