हमारा देश पहले भी हैवानियत की दास्तानें देखता और सुनता रहा है. इसी देश में तंदूर कांड भी हुआ था. इसी देश में हर मिनट बलात्कार होते हैं. इसी देश में पत्नी की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके उसे फ्रिज में डाल देने की घिनौनी वारदात हुई है. और इसी देश में आज दिख रहा है कि कैसे एक ताकतवर स्त्री दूसरी लाचार स्त्री पर पाशविक अंदाज में हमलावर है. यह...
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हकीकत और विकास के विरोधाभास- आकार पटेल
हम अपने आर्थिक इतिहास के सबसे विचित्र दौर से गुजर रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा कि मौजूदा वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर करीब नौ फीसदी रहने का अनुमान है. मौजूदा केंद्र सरकार अब तक की अपनी एक मात्र उपलब्धि का हवाला देते हुए यही कहती रही है कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से उभरनेवाली अर्थव्यवस्था है. यदि...
More »युआन के अवमूल्यन से सरकार चिंतित
नई दिल्ली। चीन की मुद्रा के अवमूल्यन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, यह भारतीय निर्यात को महंगा कर देगा। केंद्र चीन से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी सहित आवश्यक कदम उठा सकता है। शुक्रवार को व्यापार, विकास व संवर्धन परिषद की पहली बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युआन का अवमूल्यन होने से भारत को चीन से...
More »संतुलन खोते लोकतंत्र के स्तंभ-- वेद प्रताप वैदिक
हमारी लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के चार स्तंभ हैं। विधानपालिका यानी संसद, कार्यपालिका यानी सरकार, न्यायपालिका यानी अदालत और खबरपालिका यानी अखबार और टीवी-रेडियो चैनल! क्या ये चारों स्तंभ अपना-अपना काम सही-सही कर रहे हैं? ये सब काम तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके काम-काज में कोई बुनियादी कमी आ गई है कि या तो एक स्तंभ का काम दूसरे से लिया जा रहा है या कोई स्तंभ...
More »वैश्विक मंदी का कैसे करें सामना-- भरत झुनझुनवाला
विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी गहरा रही है. ग्रीस के संकट से यूरोप के अंदरूनी हालात के संकेत मिलते हैं. मूल रूप से यूरोप की प्रतिस्पर्धा शक्ति का ह्रास हो रहा है. इसका परिणाम सर्वप्रथम ग्रीस जैसे कमजोर देश में प्रकट हुआ है. चीन भी संकट में है. वर्तमान में अमेरिका और यूरोप के बाजार ठंडे पड़ने लगे हैं. फलस्वरूप चीन के निर्यात दबाव में आ गये हैं. चीन को मजबूरन...
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