प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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सस्ती हो सकती है कच्चे तेल की खरीद - शिशिर चौरसिया
दुनिया भर के देश जिस फार्मूले पर कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) खरीदते हैं, उसी फार्मूले पर भारत की सरकारी कंपनियां भी विदेशों से कच्चा तेल खरीद सकें, इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है। यदि ऐसा होता है, तो भारतीय कंपनियों को भी सस्ता कच्चा तेल मिल सकेगा, साथ ही इस क्षेत्र में त्वरित फैसला भी हो सकेगा। इस समय देश की सरकारी कंपनियां निविदा मंगा...
More »तेल देखो, तेल की मार देखो - मधुरेन्द्र सिन्हा
भारत सहित उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में इस समय खुशी की एक लहर दौड़ रही है। वजह है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती हुई कीमतें। पिछले पांच महीनों से तेल के दाम लगातार घट रहे हैं और अब तो यह पांच साल के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। लेकिन बात यहीं खत्म होती नहीं दिखाई दे रही। ऐसा लग रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर...
More »महंगाई से निजात की राह लंबी
मुंबई। रिजर्व बैंक का मानना है कि जमीनी स्तर पर महंगाई कम होने में अब भी वक्त लगेगा, क्योंकि इनपुट लागत ज्यादा है और खाद्य मुद्रास्फीति का इस तरह की बुनियादी चीजों से गहरा संबंध होता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एच आर खान ने कहा, "महंगाई से मुक्ति पाने की राह लंबी है।" खान एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाजार संभवतः हाल के दिनों की फौरी...
More »नये साल में आर्थिक व्यूह रचेगा भारत!- पुष्परंजन
भारतीय आइटी उद्योग उत्तर अमेरिका से सरक कर यूरोप की ओर जा रहा है. 2014 में इस तरह की भविष्यवाणी से अमेरिका की भृकुटी तन गयी है. नास्कॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल की सुनिये, तो यूरोप भारतीय आउटसोर्सिस सेवा को इस साल अपनी ओर आकर्षित करेगा, जिससे सिर्फ आइटी सेक्टर से 108 अरब डॉलर के लाभ की उम्मीद की जा सकती है. क्या इसके लिए 22 से 25 जनवरी तक दावोस में...
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