किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है. अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...
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जरूरी है इन्नोवेशन का रोडमैप-- भरत झुनझुनवाला
नये उद्यमियों की मदद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प स्वागतयोग्य है. देश के युवाओं के पास नये उद्योग लगाने के आइडिया हैं, परंतु कार्यान्वित करने के लिए पूंजी नहीं है. सरकार द्वारा इन्हें समर्थन देने से इनकी छिपी हुई ऊर्जा बाहर आ सकती है और देश को आगे बढ़ा सकती है. लेकिन, केवल आर्थिक मदद से काम नहीं बनेगा, सही वातावरण भी बनाना होगा. तमाम ऐसे आइडिया हैं, जिन्हें...
More »'आत्महत्या के विरुद्ध' 2016-- रविभूषण
आत्महत्या का संबंध असहिष्णुता, भय, आतंक और असुरक्षा आदि से उत्पन्न उस अकेलेपन से है, जिसका एक सामाजिक संदर्भ है. आत्महत्या अपने व्यापक अर्थ में हत्या है. आत्महत्या को मनोविज्ञान से जोड़ कर अधिक देखा जाता रहा है, जबकि इसका एक समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य है. रघुवीर सहाय ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता 'आत्महत्या के विरुद्ध' (मई 1967 की 'कल्पना' में प्रकाशित) में 'जनता की छाती' पर चढ़े 'मंत्री मुसद्दीलाल' का एक चित्र...
More »रोजगारपरक हो शिक्षा प्रणाली-- मोनिका शर्मा
अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
More »बैंक हैं महंगाई और मंदी के जिम्मेदार- विनीत नारायण
आईआईटी, दिल्ली के मेधावी छात्र रवि कोहाड़ ने गहन शोध के बाद एक सरल हिंदी में पुस्तक प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है बैंकों का मायाजाल। इस पुस्तक में बड़े रोचक और तार्किक तरीके से बताया गया है कि दुनिया भर में महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के लिए आधुनिक बैकिंग प्रणाली जिम्मेदार है। इन बैंकों का मायाजाल लगभग हर देश में फैला है, पर उसकी असली बागडोर अमेरिका के 13...
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