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देश में 20 लाख गांठ घटा कपास उत्पादन, लेकिन नहीं बढ़ेंगी कीमतें

नई दिल्ली। सरकार ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में 20 लाख गांठ (एक गांठ=170 किलो) कपास उत्पादन घटने की आशंका जताई है। वहीं हरियाणा और पंजाब में व्हाइटफ्लाई नामक कीड़े की वजह से 25 फीसदी फसल क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है। इसके बावजूद ट्रेडर्स का मानना है कि कपास की कीमतों में तेजी नहीं आएगी। इसकी मुख्य वजह ग्लोबल स्तर पर ओवर सप्लाई, चीन से कमजोर मांग और यार्न की...

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जंगल से सीखें कुपोषण का इलाज- प्रताप सोमवंशी

ओडिशा देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य के आदिवासी इलाके अकाल, भुखमरी, कुपोषण के विशेषण को अपनी पहचान के साथ ढोते रहते हैं। इन्हीं आदिवासी इलाकों का एक दूसरा सच भी जान लीजिए- लिविंग फार्म की ओर से दो जिलों के छह गांवों की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक यहां खाने-पीने की 121 चीजें पाई जाती हैं। इनमें 30 किस्म के मशरूम, जिसे स्थानीय बोली में...

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धान की खेती के मोह को कम करें किसान- डा अब्दुल वदूद

किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...

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लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा

गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...

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लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा

गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...

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