नई दिल्ली [नीलू रंजन]। भ्रष्टाचार रोकने के अब तक किए गए प्रयासों की विफलता के बाद सरकार इसके लिए अब एक नई राष्ट्रीय रणनीति बनाने जा रही है। रणनीति बनाने का काम शुरू हो चुका है और केंद्रीय सतर्कता आयोग [सीवीसी] इसका प्रारूप तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीवीसी को इसी महीने के अंत तक रणनीति का मसौदा बनाकर सरकार को सौंपने को कहा गया है। ...
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सरकारी संरक्षण में भ्रष्ट अधिकारियों की संख्या बढ़ी
नई दिल्ली [नीलू रंजन], राहुल गांधी भले ही सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर एक रुपये में 85 पैसा आम जनता तक पहुंचाने का मंसूबा पाले हों, लेकिन उनकी ही सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। सच्चाई यह है कि सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार की राह चलने वाले अफसरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पिछले साल नौ महीने में ऐसे अधिकारियों की संख्या तीन गुना से भी...
More »बढ़ती जा रही हैं भ्रष्ट बाबुओं की शिकायत
नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा भ्रष्ट बाबुओं पर लगाम कसने के बावजूद उनके खिलाफ शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अप्रैल में आयोग के पास 1688 शिकायतें पहुंची हैं जो पिछले माह से 533 ज्यादा हैं। वहीं, आयोग ने कुल 95 अफसरों पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है। तेजी दिखाते हुए आयोग ने 1266 शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय विजिलेंस अफसरों के पास भेज दिया है। 285 शिकायतों...
More »मानव विकास सूचकांक
खास बात • 2018 में, 189 देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में 129वें पायदान पर (एचडीआई वेल्यू 0.647) था, जबकि चीन 85वें (एचडीआई वेल्यू 0.758), श्रीलंका 71वें (एचडीआई वेल्यू 0.780), भूटान 134वें (एचडीआई वेल्यू 0.617), बांग्लादेश 135 वें (एचडीआई वेल्यू 0.614) और पाकिस्तान 152 वें पायदान (एचडीआई वेल्यू 0.560) पर था. • 1990 और 2018 के बीच, औसत वार्षिक मानव सूचकांक के मूल्यांक में (तर्कयुक्त संकेतक, कार्यप्रणाली और समय-श्रृंखला डेटा के...
More »भ्रष्टाचार
खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
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