-न्यूजविंग, गढ़वा में राशन वितरण सेवा में गड़बड़ियों की रिपोर्ट सामने आयी है. भोजन का अधिकार अभियान से जुड़े सदस्यों जेम्स हेरेंज, मिथिलेश कुमार समेत अन्य लोगों ने 1 और 2 दिसंबर को जिले के बड़गढ़ ब्लॉक का क्षेत्र भ्रमण किया था. इस दौरान तीन पीडीएस सेवा प्रदाताओं के अलावा बीडीओ और ग्रामीणों से भी बात की थी. परसवार पंचायत के कलाखजुरी गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक भी हुई. इस दौरान...
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खेती के संबंध में कुछ बड़ी भ्रांतियां और किसान आंदोलन पर उनका प्रभाव
-न्यूजक्लिक, भारतीय खेती के संबंध में अनेक भ्रांतियां हैं, जिन्हें अगर फौरन दूर नहीं किया जाता है तो उनका, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ इस समय चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इनमें पहली भ्रांति तो इस धारणा में ही है कि किसानी खेती पर कार्पोरेट अतिक्रमण तो ऐसा मामला है जो बस कार्पोरेट अतिक्रमणकारियों और किसानों से ही संबंध रखता है। यह गलत है। किसानी खेती...
More »डब्ल्यूटीओ का खाद्यान्नों की सरकारी खरीद को उत्पादन के 15 फीसदी तक सीमित करने का प्रस्ताव
-गांव सवेरा, नवंबर के अंत में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की कृषि पर समझौते (एओए) को लेकर 12वीं मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (एमसी 12) बैठक होने वाली है। एमसी12 के एजेंडा के दो प्रस्ताव देश के किसानों के घातक साबित हो सकते हैं। इसके एक एजेंडा प्रस्ताव में कहा गया है कि गरीबों के लिए सब्सिडी पर खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए और कम संसाधनों वाले किसानों की आजीविका सुरक्षा के लिए बनाये जाने...
More »Most Polluted Cities In India : पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक देशों में शामिल हुए हम, 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 43 सिर्फ भारत में
-जनज्वार, Most Polluted Cities In India : हाल में ही अमेरिका में बाइडेन प्रशासन (Biden Administration of USA) ने एक रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है जिसके अनुसार जलवायु परिवर्तन और तापमान बृद्धि (Climate Change & Global Warming) के प्रभावों से पूरी दुनिया में अराजकता बढ़ेगी, पर सबसे अधिक असर 11 देशों पर पड़ेगा, जिनमें भारत भी शामिल है। इस रिपोर्ट को अमेरिका की ख़ुफिया संस्थानों और पेंटागन (Intelligence agencies & Pentagan)...
More »क्या हम भारतीय कृषि क्षेत्र में घटती किसानी आमदन के साक्षी हैं?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी स्थिति आकलन सर्वेक्षण इस तथ्य को स्थापित करता है कि किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए 'खेती-बाड़ी से शुद्ध आय' के बजाय मजदूरी पर अधिक से अधिक निर्भर हैं. मार्क्सवादी शब्दावली में, सर्वहाराकरण (एक शब्द जिसे हम निर्वासन के लिए शिथिल रूप से उपयोग कर सकते हैं) उस प्रक्रिया...
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