बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है। पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...
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शहरों और गांवों में समान कार्य के लिए महिलाओं की मज़दूरी पुरुषों की तुलना में कम: रिपोर्ट
द वायर, 21 मार्च ग्रामीण और शहरी भारत में समान कार्य के लिए बाजार द्वारा निर्धारित मजदूरी पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए काफी कम है. इससे भी बुरी बात यह है कि पिछले एक दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में यह अंतर बढ़ा है, हालांकि यह शहरों में कम हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय सांख्यिकी सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के नतीजों के हवाले से यह जानकारी दी...
More »ग्रामीण क्षेत्र के लिए कितना हितकारी है 2023-24 का बजट?
रूरल वॉइस, 24 फरवरी पिछले साल 2022-23 के लिए जब बजट पेश किया गया तो मैंने उसे जातिगत भेदभाव वाला बताया था। अगले वित्त वर्ष के लिए जो बजट पेश किया गया है, उसके प्रस्तावों पर गौर करें तो इसमें भी जातिगत भेदभाव झलकता है। तमाम मीडिया में नई स्कीम की घोषणाओं और पूंजी निर्माण के लिए अधिक आवंटन को ‘अमृत काल’ जैसे लुभावन शब्दों के रूप में पेश किया गया।...
More »मनरेगा योजना से क्यों दूर हो रहे हैं मजदूर?
जनचौक, 8 फरवरी ग्रामीण विकास विभाग की अति महत्वाकांक्षी समझी जाने वाली योजना ‘महात्मा गांधी राष्टीय रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) में आई कई विसंगतियों के कारण आज मजदूरों में इसके प्रति रुचि नहीं रह गई है। जिसके कारण मनरेगा की योजनाओं में काम करने वाले मजदूरों की संख्या घटती चली गयी है। पहले जहां झारखंड में प्रतिदिन 8 लाख मजदूर काम कर रहे थे, अब वह घटकर 3.5 लाख तक सिमट...
More »मनरेगा पर संकट के बादल
हाल ही में पेश किए गए बजट के बाद पक्ष-विपक्ष की अतिवादी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इन बयानबाजियों में सबसे ज्यादा ध्यान मनरेगा ने खींचा है। बजट में मनरेगा के लिए आवंटित बजट, 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में काफी कम है। यह कमी करीब 33 प्रतिशत के आस–पास ठहरती है। सरकार के पास इस कटौती को जायज ठहराने के अपने तर्क हैं और विपक्ष व सामाजिक संगठनों की अपनी...
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