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हाथरस की निर्भया की कहानी, 14 सितंबर को दरिंदगी के 15 दिन बाद तोड़ा दम

-इंडिया टूडे, हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी एक और निर्भया ने दम तोड़ दिया. बताया गया कि हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ काट दी गई और कमर की हड्डी तक टूटी हुई थी. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है. इस निर्भया के गांव के ही चार दबंगों ने मिलकर लड़की के साथ हवस का घिनौना खेल खेला. लड़की की मौत...

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सरकार ने शिक्षक दिवस पर केंद्रीय विद्यालय के नाबालिग़ बच्चों से कराया ट्वीट!

-मीडियाविजिल, शिक्षक दिवस पर ट्विटर पर #ourteachersourhero के पीछे सरकार की योजना काम कर रही थी। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय के लाखों छात्रों को ट्विटर पर ट्रैंड कराने का लक्ष्य दिया गया था। ख़ास बात यह है कि फे़सबुक या ट्विटर पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों के अकाउंट खोलने पर रोक है, लेकिन छोटी कक्षाओं के बच्चों के भी पोस्ट इस हैशटैग के साथ देखे गये। आरोप लग...

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कोरोना लॉकडाउन : उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे ठाकुरों के अत्याचार, पुलिस और प्रशासन नहीं दे रहे साथ

-कारवां, कोरोना महामारी से निपटने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के दलितों को दबंग जातियों, खासकर ठाकुरों, की हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है. इस दौरान शहरों में रोजगार खत्म हो गए हैं और लाखों लोग गांव तो लौट आए हैं लेकिन यहां इन्हें जातिवादी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. 12 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट या आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में...

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प्रेमचंद 140 : जीवन के प्रति दहकती आस्था

-सत्यहिंदी, प्रेमचंद को लेकर साहित्यवालों में कई बार दुविधा देखी जाती है। उनका साहित्य प्रासंगिक तो है लेकिन क्यों? क्या ‘गोदान’ इसलिए प्रासंगिक है कि भारत में अब तक किसान आत्महत्या कर रहे हैं? या दलितों पर अत्याचार अभी भी जारी है, इसलिए ‘सद्गति’ और ‘ठाकुर का कुआँ’ प्रासंगिक है? क्या ‘रंगभूमि’ इसलिए पढ़ने योग्य बनी हुई है कि किसानों की ज़मीन कारखाने बनाने के लिए या ‘विकास’ के लिए अभी...

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जांच में फर्जीवाड़ा?

-इंडिया टूडे, दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों की जांच ने इस सप्ताह नया मोड़ ले लिया जब दिल्ली सरकार और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की तथ्यान्वेषी रिपोर्ट, में दिल्ली पुलिस पर जांच में 'पक्षपात' और हिंसा में 'लिप्तता' का आरोप लगाया. रिपोर्ट को नौ सदस्यों के पैनल ने तैयार किया है जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.आर. शमशाद कर रहे थे. यह दंगों पर अधिकृत किसी एजेंसी की...

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