सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर का कहना है कि फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत सरकार ठीक से काम कर रही है या नहीं या फिर सुप्रीम कोर्ट अपना काम ठीक से कर रहा है या नहीं. बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के अपने पैतृक गाँव में वो सुकून की ज़िन्दगी जी रहे हैं 'जहां ना संसद है और ना सुप्रीम कोर्ट.' पिछले...
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किसके कब्जे में हैं विश्वविद्यालय-- रविभूषण
इस वर्ष आठ फरवरी को पंकज चंद्रा (कुलपति, अहमदाबाद विवि) की पुस्तक 'बिल्डिंग यूनिवर्सिटीज दैट मैटर: ह्वेयर आर इंडियन इंस्टीट्यूशंस गोइंग रॉन्ग' ओरिएंट ब्लैकवासन से प्रकाशित हुई है. भारतीय विश्वविद्यालयों की कार्य-पद्धति को समझने के लिए और क्या उसे बदलने की जरूरत भी है, इसे जानने-समझने के साथ इस पर विचार करने के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है, जिसे प्रत्येक विवि के कुलपति और उसके प्रमुख अधिकारियों को...
More »आरबीआई गवर्नर से सवाल-- कुमार प्रशांत
उर्जित पटेल बोले. बड़ी खबर यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के मुंह में जबान है अौर वह काटती भी है. देश की बैंकिंग-व्यवस्था की यह सिरमौर संस्था ने कभी ऐसी अपमानजनक भूमिका स्वीकार नहीं की थी, जैसी उर्जित पटेल ने इसे स्वीकार करने पर विवश कर दिया. यह चुप्पी अौर भी घुटन भरी इसलिए लग रही थी कि उर्जित पटेल ने उस जूते में पांव डाला था,...
More »आर्थिक आतंकियों को मिले सजा-- तरुण विजय
नीरव मोदी हों या मेहुल चौकसी, विजय माल्या हों या कोई और, एक ऐसे समय में जब देश किसान, मजदूर, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बात कर रहा है और सीमाओं पर हमारे सैनिक हर दिन खून की होली खेलते हुए मातृ-भूमि की रक्षा कर रहे हैं, उस समय देश से छल कर हजारों करोड़ के घोटाले करनेवाले वस्तुत: आर्थिक अपराधी नहीं, आर्थिक आतंकवादी हैं, जिन्हें वही सजा मिलनी चाहिए,...
More »ग्राम सभा की बात-- अनुज लुगुन
साल 2013 में ओडिशा के नियमगिरि में वेदांता के बॉक्साइट खनन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से कोई फैसला न सुनाते हुए वहां की ग्राम सभाओं को निर्णय देने का अधिकार दिया था. यह संभवत: स्वतंत्र भारत का ऐसा ऐतिहासिक फैसला था, जिसमें आदिवासियों ने अपने निर्णय से दुनिया की एक बड़ी कंपनी को मात दिया था. यह ग्राम सभा के द्वारा संभव हुआ था. ग्राम...
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