राज्य अपने-अपने क्षेत्र में बहती नदियों को अपने स्वामित्व की सरकारी संपत्ति मानते रहे हैं। कई मामलों में राज्यों की जनता भी वैसी ही समझ रखती है। ऐसी संपत्ति जिसको वे तिजोरी में बंद कर सकते हैं और उसमें दूसरों की हिस्सेदारी वे ही तय करेंगे। बांधों और नहरों पर पहरे लगने और उनके लिए जंग होने की खबरें अब कोई नई बात नहीं हैं। कावेरी नदी के जल पर...
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नर्मदा में छोड़ा जा रहा MP के शहरों का गंदा पानी, गुजरात HC में याचिका
अहमदाबाद। मध्यप्रदेश के शहरों का गंदा पानी नर्मदा में छोड़े जाने का मामला गुजरात हाई कोर्ट में उठा है। याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के 14 जिलों से नर्मदा गुजर रही है और शहरों का गंदा पानी बगैर फिल्टर किए नर्मदा में डाला जा कहा है। इससे गुजरात के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सुभाष रेड्डी...
More »बदलते मौसम का भारतीय भूगोल--- अखिलेश गुप्ता
जलवायु परिवर्तन अब एक आम चर्चा का विषय बन गया है। इस मसले पर बने संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-सरकारी पैनल पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट में पूरे विस्तार से यह बताया गया है कि किस तरह यह मानवीय क्रियाकलापों का ही नतीजा है। भारत में भी पिछले 100 वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगभग 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। किसी क्षेत्र में यह तापमान ज्यादा बढ़ा है, तो किसी में...
More »जिस गांव में शिवराज ने किया था पौधरोपण, वहां किसान उखाड़ेंगे पौधे
भोपाल। मप्र सरकार के पौधरोपण अभियान की अब धीरे-धीरे पोल खुलने लगी है। दो जुलाई को पौधरोपण महाभियान के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विधानसभा क्षेत्र के जिस गांव में पौधरोपण किया था, वहां के किसान अपने खेत से इन पौधों को उखाड़ने की तैयारी करने लगे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकारी अधिकारियों ने फलदार पौधे लगाने के एवज में प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया था,...
More »पर्यावरण संरक्षण की मुश्किलें-- पंकज चतुर्वेदी
जिस तरह देश की आबादी बढ़ रही है, हरियाली और खेत कम हो रहे हैं, जल-स्रोतों का रीतापन बढ़ रहा है, हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और घर में जहरीले रसायनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, भीषण गरमी से जूझने में वातानुकूलित यंत्र और अन्य भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए बिजली का इस्तेमाल बढ़ रहा...
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