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बाघ तो बच रहे हैं...पर बेटियां!! - मृणाल पांडे

खबर है कि गए सालों में हमारे देश में बाघों की तादाद बढ़ी है, लेकिन खबर यह भी है कि इस दौरान 0 से 6 साल की उम्र की बच्चियों की तादाद तेजी से घटी है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है और आरक्षित श्रेणी में आता है। पर उसकी खाल, हड्डी, दिल, गुर्दा सबको एशियाई बाजारों में भारी मुनाफे पर बेचा जा सकता है इसलिए पिछले सालों में लालची तस्करों...

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नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार

हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...

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गोरखपुर के बाद बरेली अस्पताल में 1 माह में 26 बच्चों की मौत

बरेली अस्पताल में बीते अगस्त में चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती 26 बच्चों की मौत हो गई। इसमें 8 नवजात थीं और 12 बच्चियों की उम्र 1 माह से 1 साल के बीच की थी। मंगलवार को अस्पताल के सीएमएस ने बच्चों की मौत की रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी। गोरखपुर और फर्रुखाबाद में अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने जिला अस्पताल से इस मामले में जानकारी मांगी...

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हर साल बीआरडी में बढ़ रहा मौत का आंकड़ा,ये है वजह

बीआरडी मेडिकल कालेज के शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में डॉक्टरों के पद ही सृजित नही हैं। बालरोग विभाग के इस यूनिट में इस महीने 223 नवजातों की मौत हो गई। इस यूनिट में कर्मचारी व दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ के पद भी मानक से काफी कम हैं। बीआरडी के एनआईसीयू में 28 दिन से कम उम्र के नवजातों का इलाज होता है। 11 वार्मर वाले इस यूनिट में हर वार्मर...

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कैसे रुके शिशु मृत्यु दर-- रमेश सर्राफ धमोरा

किसी भी समाज की खुशहाली का अनुमान उसके बच्चों और माताओं को देख कर लगाया जा सकता है। पर जिस समाज में हर साल तीन लाख बच्चे एक दिन भी जिंदा नहीं रह पाते और करीब सवा लाख माताएं हर साल प्रसव के दौरान मर जाती हैं, उस समाज की दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। जब देश में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कोई कमी नहीं है, तब ऐसा...

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