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खेती पर आपदाओं की गाज से किसानों पर सालाना पड़ रही है 10.2 लाख करोड़ रुपए की मार

डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर  खेती-किसानी आसान नहीं और ऐसे में जब साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है तो इसे करना महंगा सौदा बनता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) से ज्यादा की मार पड़ रही है। जो वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र...

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सांभर झील संरक्षण: तीन महीने के भीतर कोर व बफर क्षेत्रों को परिभाषित करने का निर्देश

डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल बेंच ने नौ नवंबर 2023 को सांभर झील के संरक्षण के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। सांभर झील को मार्च 1990 में रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया जा चुका है। गौरतलब है कि रामसर स्थल वो आद्रभूमियां हैं, जिनका अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। एनजीटी ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके तहत राजस्थान पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य/प्रमुख सचिव को...

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हर साल वातावरण में प्रवेश कर रही 200 करोड़ टन धूल और रेत, चौथाई के लिए जिम्मेवार इंसानी गतिविधियां

डाउन टू अर्थ, 17 नवम्बर हवा में मौजूद जिस धूल और रेत को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वो अपने आप में एक बड़ी समस्या बन चुकी है। यूएनसीसीडी रिपोर्ट से पता चला है कि हर साल 200 करोड़ टन धूल और रेत हमारे वातावरण में प्रवेश कर रही है। तादाद में यह कितनी ज्यादा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस धूल और रेत...

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खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?

डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर मॉनसून 2023 बीत चुका है और हर सीजन की तरह यह मॉनसून हिमालयी राज्यों को नए जख्म दे गया। बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को तो ऐसे जख्म दे गया कि जो कई साल तक सालते रहेंगे। साल 2023 की शुरुआत जोशीमठ आपदा से शुरू हुई थी। जोशीमठ ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद मॉनसून के दौरान हिमाचल...

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कपास का शाप: गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है यह तकनीक

डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर  देश के कपास उत्पादक राज्यों में किसान गुलाबी सुंडी से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, जो फसलों पर कहर बनकर टूटा है। गुलाबी सुंडी को पिंक बॉलवर्म (पीबीडब्ल्यू) के नाम से भी जाना जाता है। हाल के वर्षों में देखें तो इस कीट ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां तक की आनुवंशिक रूप से संशोधित कीट-प्रतिरोधी कपास की किस्म, बीटी कॉटन (बोलगार्ड II...

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