डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी 13 फरवरी, 2019 को, वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए) की संवैधानिकता से संबंधित एक मामले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को उन एफआरए दावेदारों को बेदखल करने का निर्देश दिया, जिनके व्यक्तिगत वन अधिकार के दावे खारिज कर दिए गए थे। शीर्ष अदालत ने देश के 20 राज्यों में 11,91,273 आदिवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया था। आदिवासियों और अन्य पारंपरिक वन निवासियों (ओटीएफडी)...
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राष्ट्रीय जस्ट ट्रांजिशन योजना भारत के लिए क्यों है जरूरी
कार्बनकॉपी, 22 फरवरी कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले 7 दिसंबर को लोकसभा में कहा था कि फिलहाल सरकार की जस्ट ट्रांजिशन (न्यायोचित परिवर्तन) पॉलिसी शुरू करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में कोयले से ट्रांजिशन नहीं हो रहा है’ और भले ही नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा हो, लेकिन देश के ‘ऊर्जा उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण रहने वाली...
More »नीति आयोग ने सरकार पर पीडीएस के निजीकरण, फ्री राशन का दायरा व सब्सिडी कम करने का दबाव बनाया
द वायर, 10 फरवरी 1 फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट में गरीबों के लिए खाद्यान्न सब्सिडी में 63 फीसदी की भारी कटौती की गई. इस खर्च को कम करने के मकसद को हासिल करने के लिए सरकार ने दिसंबर, 2022 में कोविड के समय में शुरू की गई सभी के लिए मुफ्त भोजन की योजना को समाप्त कर दिया और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दूसरी योजनाओं में...
More »एचईसी के कर्मचारियों को एक साल से नहीं मिला है वेतन, अदालत का रुख़ करने पर कर रहे हैं विचार
द वायर, 26 जनवरी कुछ साल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए लॉन्च पैड बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के लगभग 1,300 कर्मचारियों को एक साल से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों ने इस मुद्दे का जल्द समाधान नहीं होने पर अदालत का रुख करने की चेतावनी दी है. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के कारण वे अपने बच्चों के...
More »कम भुगतान, कम सम्मान: भारत के जिलों में मुफ्त कानूनी सहायता की गुणवत्ता खराब क्यों है?
इंडियास्पेंड, 02 जनवरी दिल्ली के कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में आयुष* फ्री कानूनी सहायता देने वाले आपराधिक मामलों के वकील हैं और उन लोगों की मदद करते हैं जो वकीलों का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने इंडिया स्पेंड को बताया कि वे हर महीने औसतन लगभग 5,000 रुपए कमाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उदय यू. ललित ने अप्रैल 2022 में अपने एक बयान में कहा, "गरीबों को कानूनी सहायता देने का...
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