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पुलिस तंत्र में बदलाव की जरूरत -- आकार पटेल

पिछले 30 वर्षों में भारतीय शहर काफी हद तक बदल चुके हैं और इससे पुलिस के काम-काज का तरीका भी प्रभावित हुआ है. हमारे शहर कैसे बड़े होते चले गये या उनकी जनसंख्या बढ़ती गयी और ज्यादातर लोगों के लिए ये अब रहने योग्य नहीं हैं, मैं इस बारे में बात नहीं कर रहा हूं. यहां बात उस संदर्भ में हो रही है कि पहले उन शहरों को किस योजना...

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CSDS सर्वे: यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के ज्‍यादा शिकार हुए पढ़े-लिखे हिंदू नौजवान

छह दिसंबर 1992 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन है। इसी दिन अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की बेकाबू भीड़ ने गिरा दिया। उस घटना के 24 साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव उसके जिक्र के बिना पूरा नहीं होता। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद यूपी में पूरी एक पीढ़ी जवान हो चुकी है लेकिन ये मुद्दा अभी भी राजनीतिक रूप...

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23 साल बाद निर्दोष साबित हुए निसार ने कहा, अब जिंदा लाश हूं

नयी दिल्ली : निसारउद्दीन अहमद की उम्र तब 20 साल थी जब उसे पुलिस ने ट्रेन बम धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया. अदालत में उस पर कई आरोप लगे. 23 साल जेल में रहने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे 17 दिनों पहले रिहा किया है. अब निसार की उम्र 43 साल है. निसार ने निर्दोष होते हुए भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दौर या यूं कहें पूरी...

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अदालत ने मेरी आजादी तो लौटा दी, जिंदगी कौन लौटाएगा ?

वह ठीक से चल नहीं पाते थे, ना ही ढंग से सो पाते थे। पिछले 23 सालों से निसार जेल में यही करते रहे थे, 17 दिन पहले उन्‍हें जयपुर जेल से रिहा कर दिया। बाहर निकलते ही निसारउद्दीन अहमद ने देखा तो उनके बड़े भाई जहीरउद्दीन अहमद उनका इंतजार कर रहे थे। निसार कहते हैं, मैंने अपने पैरों में भारीपन महसूस किया। कुछ पल के लिए मैं भूल ही...

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हिंदुत्व के रथ का पांचवां पहिया- नीलांजन मुखोपाध्याय

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से संबंधित विवाद को करीब डेढ़ महीने हो गए हैं और अब यह शुरू में जिन मुद्दों से संबंधित था, उससे व्यापक मुद्दों से जुड़ गया है। इस विवाद ने राष्ट्रीय आयाम हासिल कर लिया है और इसके शांत होने के लक्षण नहीं दिख रहे। सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने राजनीतिक हमलों को व्यापक बनाने के लिए इस अवसर का उपयोग किया और छद्म धर्मनिरपेक्षता...

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