द वायर, 29 सितम्बर बिहार की राजधानी पटना में के लिए आयोजित एक जागरुकता कार्यक्रम में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के असंवेदनशील और अभद्र जवाबों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दैनिक भास्कर के अनुसार, मंगलवार को महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन एवं प्लान इंटरनेशनल के साथ संयुक्त रूप ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टोवर्ड्स एन्हैन्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड’ विषय पर एक वर्कशॉप आयोजित किया...
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दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...
More »सरकार सूखे की घोषणा करे'- बारिश की कमी से जूझ रहे बिहार से गाँव कनेक्शन की ग्राउंड रिपोर्ट
गाँव कनेक्शन, 29 अगस्त बिहार के भागलपुर जिले के 41 वर्षीय धान के किसान मुकेश मिश्रा अपने दो बीघा [आधा हेक्टेयर] खेत को निराशा से देख रहे हैं। चकरामी गाँव के मिश्रा ने गाँव कनेक्शन को बताया, "इस साल बमुश्किल बारिश हुई है। भूजल का स्तर भी कम है और मेरे जैसे छोटे किसानों के लिए एक ट्यूबवेल बोरिंग का खर्च उठा पाना आसान नहीं।" उन्होंने कहा, "यह महसूस करते हुए...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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