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बच्चों की तस्करी का केंद्र बने गरीब राज्य-मनोज कुमार झा

नई दिल्ली. यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे गायब होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी मानना है कि बड़े पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर 2008 से लेकर अब तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं।   ज्यादातर बच्चे देश के गरीब राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि से गायब होते...

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बाल मजदूरों ले जा रही दो महिला गिरफ्तार

गया, निज प्रतिनिधि : रविवार को कोतवाली थाना के अनि राम रतन ठाकुर ने पहसी मोहल्ले के एक तालाब के पास से बाल मजदूरों को मजदूरी कराने को ले जा रहे दो महिला दलाल को रंगेहाथ गिरफ्तार कर बच्चों को उसके हाथों से मुक्त कराया है। गिरफ्तार महिला धनममिया देवी एवं सविता देवी बेलागंज थाना क्षेत्र के भिखाचक गांव की रहने वाली है। जबकि मुक्त कराए बाल मजदूर रंजीत कुमार , पिता अखिलेश...

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अगवा बचपन, बंधुआ बचपन- प्रियंका दुबे की रिपोर्ट(तहलका)

क्या हम जो खा रहे हैं उसे दिल्ली से अगवा बच्चे आस-पास के इलाकों में बंधुआ मजदूर बनकर उगा रहे हैं? प्रियंका दुबे की रिपोर्ट.    दिल्ली में जहांगीरपुरी की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाला 14 साल का महेंद्र सिंह सात अगस्त, 2008 की सुबह रोज की तरह घर से शौच के लिए निकला था. इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला. घरवालों ने उसे तलाशने की न जाने...

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बड़गांव से छग के बंधुआ मजदूर मुक्त

सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव थाना अंचल के एक ईंट भट्टा में बंधक बने छत्तीसगढ़ के पांच मजदूर परिवारों को वहां की पुलिस मुक्त कराकर अपने साथ ले गई है। यह मामला अंचल में चर्चा का विषय बना हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के जांचगीर जिले के बरकेल गांव के पांच श्रमिक परिवारों को किसी दलाल ने लाकर बड़गांव थाना अंचल के मुंडा गांव में स्थित एक ईंट भट्टे में काम पर लगाया...

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विकास का विद्रूप- सुनील

राहुल गांधी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के नौजवानों को फटकारते हुए जब कहा कि कब तक महाराष्ट्र में भीख मांगोगे और पंजाब में मजदूरी करोगे, तो कई लोगों को यह बात नागवार गुजरी। उनकी भाषा शायद ठीक नहीं थी। आखिर देश के अंदर रोजी-रोटी के लिए लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने को भीख मांगना तो नहीं कहा जा सकता। वे अपनी मेहनत की रोटी खाते हैं, भीख या...

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