रायपुर [ब्यूरो]। संविलियन और छठे वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों के दो और साथी हमेशा के लिए बिछुड़ गए। अंतागढ़ में एक शिक्षाकर्मी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली, जबकि रायपुर में एक महिला शिक्षाकर्मी की उपचार के दौरान मौत हो गई। संगठन के पदाधिकारियों ने इन मौतों की वजह मानसिक प्रताड़ना बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने आईजी...
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एक बालिका वधू की दास्तान- जाहिद खान
हमारे देश में हर साल अक्षय तृतीया यानी तीज के दिन हजारों नाबालिग लड़कियां शादी के मंडप में पहुंचा दी जाती हैं। इन लड़कियों के मां-बाप उनकी मर्जी को जाने बिना उन्हें जबरन शादी के बंधन में बांध देते हैं। कई मामलों में इसकी सजा ये लड़कियां पूरी उम्र भुगतने को बाध्य होती हैं। बाल विवाह न केवल उनकी जिंदगी के लिए अभिशाप बन जाता है, बल्कि हमारे समाज के...
More »जरूरतमंद गच्चे में, कई अमीर मजे में
4.11 जॉब कार्डधारियों में महज 11 हजार ने किया काम छपरा : गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करनेवाले लाखों परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने तथा भूमि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा लगभग चार दर्जन योजनाएं चल रही हैं. हालांकि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों को ही मिलना है. परंतु, बीपीएल...
More »इंद्रधनु रौंदे हुए ये.. : हर्ष मंदर
सड़कों पर अपना जीवन बिताने वाले बच्चे साहसी जरूर होते हैं, लेकिन उन्हें अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष भी करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश बच्चे वे होते हैं, जो या तो शराबी या हिंसक पिता की प्रताड़नाओं से बचने के लिए घर से भाग आए हैं, या अपने सौतेले माता-पिता की उपेक्षा के शिकार हैं, या उनका परिवार किसी क्रूर घटना या हादसे की भेंट चढ़ गया...
More »जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर
लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...
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