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गंगा की अविरलता में निहित स्वच्छता-- उमेश चतुर्वेदी

गंगा को बचाने के लिए आखिरकार भारत सरकार ने उस सदियों पुरानी सोच को ही अंगीकार कर लिया है, जिसकी साधु-संत और आमजन गंगा सफाई अभियान शुरुआत से मांग करते रहे। यानी गंगा की धारा को अविरल बहने दो। गंगा अगर हजारों हजार साल से मुक्ति क्षमता से लैस रही है तो उसकी वजह उसकी अविरल धारा ही रही है। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि गंगा की अगर धारा...

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देश की नदियों को बचाने की एक नई उम्मीद-- ज्ञानेन्द्र रावत

बीते दिनों देश की सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र की दो नदियों उल्हास और वलधूनी में प्रदूषण करने के लिए राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि जुर्माने की इस राशि से इन दोनों प्रदूषित नदियों को फिर से उनके मूल स्वरूप में लौटाया जाएगा। वैसे 2015 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी ने महाराष्ट्र की इन दोनों नदियों में भारी प्रदूषण करने...

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पर्यावरण संरक्षण की मुश्किलें-- पंकज चतुर्वेदी

जिस तरह देश की आबादी बढ़ रही है, हरियाली और खेत कम हो रहे हैं, जल-स्रोतों का रीतापन बढ़ रहा है, हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और घर में जहरीले रसायनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, भीषण गरमी से जूझने में वातानुकूलित यंत्र और अन्य भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए बिजली का इस्तेमाल बढ़ रहा...

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नदियों को जोड़ने में चुनौतियां कम नहीं - मृणाल पांडे

भारत एक नदी मातृक देश है। यहां की तमाम बड़ी-छोटी नदियों ने ही अपने तटों पर यहां हजारों बरसों से नाना सभ्यताओं और परंपराओं को उपजाया व सींचा है। बचपन से ही हर बच्चा सप्त-महानदियों का गुणगान सुनता है, जब-जब कोई जन किसी भी देवप्रतिमा का पवित्र जल से अभिषेक करे। 'गंगेयमुनेश्चैवगोदावरिसिंधुकावेरी जलेऽअस्मिन्सन्न्धिं कुरु के परिचित मंत्र में हर पात्र के जल में सात बड़ी नदियों - गंगा, यमुना, गोदावरी,...

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बाढ़ प्रबंधन : नदी प्रबंधन के सिवाय कोई चारा नहीं-- ज्ञानेन्द्र रावत

बाढ़ एक ऐसी आपदा है, जिसमें हर साल सिर्फ करोड़ों रुपयों का नुकसान ही नहीं होता, बल्कि हजारों-लाखों घर-बार तबाह हो जाते हैं, लहलहाती खेती बर्बाद हो जाती है और अनगिनत मवेशियों के साथ इंसानी जिंदगियां पल भर में अनचाहे मौत के मुंह में चली जाती हैं. अक्सर माॅनसून के आते ही नदियां उफान पर आने लगती हैं और देश के अधिकांश भू-भाग में तबाही मचाने लगती हैं. जब-जब बाढ़...

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