इस बात में कोई शक नहीं है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी दविंदर सिंह का श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दिल्ली के रास्ते में दो संदिग्ध आतंकियों के साथ गिरफ्तार होना बीते कुछ समय में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी घटनाओं में से एक है. और मुझे यकीन है कि अजीत डोभाल, ऐसे व्यक्ति होने के बतौर, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं, बीते कुछ...
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बिहार: क्या पुलिस ने फ़र्ज़ी मामला बनाकर पत्रकार रूपेश को गिरफ़्तार किया?
बीते छह जून को बिहार की गया पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन नक्सलियों को जिलेटिन की छड़ और इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर के साथ गिरफ़्तार करने का दावा किया. अगली सुबह बिहार के हिंदी अखबारों में ‘हथियार के साथ नक्सली गिरफ्तार' शीर्षक से खबर छपी. ये खबर इप्सा शताक्षी के पास पहुंची, तो वह सदमे में आ गईं. पुलिस ने जिन नक्सलियों को हथियार संग गिरफ्तार करने का दावा किया, उनमें...
More »जन-बुद्धिजीवी की चीख और अपील-- रविभूषण
किसी भी समाज में जन-सार्वजनिक बुद्धिजीवी की विशेष भूमिका होती है. ऐसे बुद्धिजीवी जनता की आवाज होते हैं, उन्हें दिशा-दृष्टि देते हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय बुद्धिजीवियों पर राज्य द्वारा अनेक आरोप मढ़े जा रहे हैं. लेखक, स्तंभकार, शिक्षाविद्, राजनीतिक विश्लेषक, नागरिक अधिकार सक्रियतावादी, प्रसिद्ध-प्रतिष्ठित, महत्वपूर्ण दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया गया है और उनके नौ सह-आरोपी अभी जेल में हैं, जिनकी भारतीय बौद्धिक...
More »राजद्रोह कानून और एएफ़एसपीए रद्द हों : बिनायक सेन
कल्याणी ( पश्चिम बंगाल ) : मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन ने आज राजद्रोह कानून और सशस्त्रबल विशेष अधिकार अधिनियम को रद्द करने की मांग की. यहां एक समारोह में सेन ने कहा ‘‘बडी संख्या में मानवाधिकार संगठनों ने राजद्रोह कानून और गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम यूएपीए के खिलाफ़ हाथ मिला लिया है.’’ उन्होंने कहा कि राजद्रोह कानून के खिलाफ़ एक करोड लोगों के हस्ताक्षर मानवाधिकर संगठन ने एकत्र किए हैं और इन्हें...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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