भोपाल. आखिरी बार एकमात्र सोन चिरैया 2011 में दिखाई दी थी। इस पक्षी की कोई हलचल न करेरा में है, न घाटीगांव में। मगर वन विभाग के अफसर मानने को राजी नहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि सोन चिरैया जहां भी होगी, अपने पारंपरिक घर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) घाटीगांव में लौटकर जरूर आएगी। अब सबूत के तौर पर कहीं से आवाज ही सुनाई दे जाए इसके लिए हियरिंग एड्स,...
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पीएमओ के निर्देश पर उजागर हुआ खनन विभाग का रिश्वत कांड
जयपुर। राजस्थान सरकार के खान विभाग में ढ़ाई करोड़ के रिश्वत कांड का खुलासा प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर हुआ था। अभी भी कई आइएएस अधिकारी ऐसे हैं जिनकी स्क्रीनिंग पीएमओ करा रहा है। हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि भ्रष्ट आइएएस अधिकारी एवं खान विभाग के अन्य अफसरों के खिलाफ कार्रवाई उन्होंने ही कराई है। राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पीएमओ ने नहीं, बल्कि राज्य...
More »राजस्थान में अब 50 साल के लिए मिल जाएंगी खदान
जयपुर। राजस्थान में अब खान आवंटन से पीढियों का इंतजाम हो सकता हैं। राजस्थान की नई खनिज नीति मे कहा गया है कि यहां अब खान आवंटन 50 साल के लिए किया जाएगा और इसे बाद में 20-20 वर्ष के लिए दो बार नवीनीकृत किया जा सकेगा। यानी एक व्यक्ति 90 साल तक खान का मालिक रह सकेगा। अब तक यहां 20 वर्ष के लिए खान आवंटित की जाती थी। राजस्थान...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
More »वनाधिकार कानून का सफेद और स्याह
वनाधिकार कानून की यात्रा साल 2006 के बाद से आज दिन तक किस मुकाम तक पहुंची है- इसका जायजा लेने के लिए देश भर से कुछ समूह दिल्ली में जुटे थे। वनाधिकार कानून को अक्सर ऐतिहासिक करार दिया जाता है क्योंकि इस कानून वनक्षेत्र और उसके आस-पास रहने वाले समुदायों और व्यक्तियों को भूस्वामित्व का हकदार बनाया, इस हकदारी को अवैध करार देने वाले सदियों पुराने चलन का खात्मा किया।...
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