हिमालय आकार में जितना विराट है, अपनी विशेषताओं के कारण उतना ही अद्भुत भी। कल्पना करें कि अगर हिमालय न होता तो दुनिया और खासकर एशिया का राजनीतिक भूगोल क्या होता? एशिया का ऋतुचक्र क्या होता? किस तरह की जनसांख्यकी होती और किस तरह के शासनतंत्रों में बंधे कितने देश होते? विश्वविजय के जुनून में दुनिया के आक्रांता भारत को किस कदर रौंदते? न गंगा होती, न सिंधु होती और...
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बाढ़ प्रबंधन : नदी प्रबंधन के सिवाय कोई चारा नहीं-- ज्ञानेन्द्र रावत
बाढ़ एक ऐसी आपदा है, जिसमें हर साल सिर्फ करोड़ों रुपयों का नुकसान ही नहीं होता, बल्कि हजारों-लाखों घर-बार तबाह हो जाते हैं, लहलहाती खेती बर्बाद हो जाती है और अनगिनत मवेशियों के साथ इंसानी जिंदगियां पल भर में अनचाहे मौत के मुंह में चली जाती हैं. अक्सर माॅनसून के आते ही नदियां उफान पर आने लगती हैं और देश के अधिकांश भू-भाग में तबाही मचाने लगती हैं. जब-जब बाढ़...
More »प्लास्टिक कचरे से मुक्ति कब-- ज्ञानेन्द्र रावत
प्लास्टिक कचरे का सवाल अकेले हमारे देश के लिए ही नहीं, वरन् समूचे विश्व के लिए अहम् है. वह बात दीगर है कि यह समस्या हमारे यहां ज्यादा गंभीर है. स्वच्छता अभियान के बावजूद प्लास्टिक युक्त कचरे ने गांव, कस्बा, नगर, महानगर यहां तक देश की राजधानी तक को चपेट में ले लिया है. सागर और महासागर भी नहीं बच सके हैं. प्लास्टिक कचरा जानवरों के लिए तो काल बन...
More »जंगलों की हिफाजत के लिए विश्व बैंक ने 7 करोड़ प्रोजक्ट को मंजूर दी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य में शराब की दुकानें अगले महीने से सिर्फ छह घंटे खुलेंगीं। अवैध शराब पर अंकुश के लिए सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। जिसके तहत शराब का अवैध धंधा करने वालों को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। सरकार का एक माह का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि शराब को लेकर सरकार का विजन साफ है।...
More »सरकार ने माना, कर्ज न चुका पाने से किसान ने की आत्महत्या
भोपाल। किसानों की आत्महत्या के मामले में प्रदेश सरकार ने पहली बार माना है कि फसल खराब होने और कर्ज न चुका पाने की वजह से भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले तीन महीने में प्रदेश में 1761 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें से एक किसान ने फसल खराब होने पर कर्ज न चुका पाने के कारण खुदकुशी की। कुल 106 किसानों ने इस अवधि में अपनी जान दी। सोमवार...
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