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राजस्थान इस कठिन समय में अपने लोक कलाकारों का साथ देने के नाम पर उनके साथ मजाक क्यों कर रहा है?

-सत्याग्रह,  जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार सुगनाराम भोपा हताश हैं. ‘सिरकार (सरकार) हमे कैसे-कैसे बेइज्जत करती है? मैं अनपढ़ हूं. रावणहत्था बजाकर अपने बच्चों का पेट भरता हूं. मेरे पास ये झूंपड़ी हैं. सिरकार कह रही है कि लोक कलाकार वीडियो बनाकर भेजे. उनको 2500 रु मिलेंगे. मैं क्या करूं? न तो मेरे पास ऐसा फ़ोन है जो वीडियो बना सके ओर न ही मेरे को चलाने का पता’ वे...

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एक नहीं, कई देशों के लिए खतरा बन चुके हैं ये टिड्डी दल

-डाउन टू अर्थ, अकेली टिड्डी खतरनाक नहीं होती। लेकिन जब वे समूह में आ जाते हैं तब उनका व्यवहार आश्चर्यजनिक रूप से परिवर्तित हो जाता है। व्यवहार में यह बदलाव और समूह में रहने की प्रवृत्ति को ग्रेगराइजेशन कहा जाता है। समूह में वे एक साथ उड़ते हैं और फसलों पर हमला करते हैं। 2019 में में कहर बरपाने वाले रेगिस्तानी टिड्डी दल की उत्पत्ति 2018-2019 के सर्दियों के दौरान यमन...

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इस कठिन समय में चरवाहों पर ध्यान देने की फुर्सत किसी को नहीं, तो क्या वे इतने ही गैर जरूरी हैं?

शाम होने को है. आसमान में बादलों ने अपना घेरा डाल लिया है. तितलियां उड़-उड़कर यह बतला रही हैं कि जुगनू का पट ओढ़े आएगी रात अभी. धीमे-धीमे हवा अपना ताना बुन रही है. बटेर झाड़ियों में छिप रहे हैं. मध्य प्रदेश राज्य के रतलाम ज़िले की झालरा तहसील का मामनखेड़ा गांव. यहां से करीब चार किलोमीटर दूर जंगल मे भेड़-बकरियों का बड़ा रेवड़ बैठा है. करीब 2000 से ज्यादा भेड़-बकरियां...

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कोरोना वायरस ने रेगिस्तान के सामने जो संकट खड़े किये हैं वे यहां के हिसाब से भी अभूतपूर्व हैं

-सत्याग्रह, भारत मे कोरोना वायरस के कारण आम इंसान तकलीफ़ में हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक इसकी चपेट में करीब चार हजार लोग आ चुके हैं जिनमें से डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इस तकलीफ़ के सबसे बड़े शिकारों में लाखों बेजुबान भी शामिल हैं. कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों का सबसे बुरा असर राजस्थान ओर गुजरात के लाखों पशुओं और पशुपालक...

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जलवायु परिवर्तन: ऑस्ट्रेलिया में दावानल और एशिया में टिड्डियों का हमला

पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में भीषण दावानल में जमीन झुलस गई. लोग और वन्यजीव मर गए. मकान जल कर राख हो गए. इस दावानल की तीव्रता और फैलाव से बिल्कुल साफ है कि इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से है. दुनिया के इस हिस्से में हालांकि जंगल में आग लगना आम घटना है, लेकिन इन दावानलों की वजह गर्मी का बढ़ना था, जिस कारण भूगर्भ सूख गया और यह क्षेत्र विस्फोटक स्थिति...

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