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दिल्ली में बढ़ती बाढ़ की संभावनाएं और अतिक्रमण से घटती आद्रभूमियाँ

मोंगाबे हिंदी, 23 सितम्बर इस साल जुलाई की शुरुआत में दिल्ली के कुछ हिस्सों में कई मीटर तक बाढ़ का पानी भर गया। कई रिपोर्टों में कहा गया कि यमुना नदी को अपना रास्ता फिर से मिल रहा है। शहर के 48 किलोमीटर में फैली हुई यमुना नदी 10 जुलाई को खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गई, जिससे शुरुआती अनुमानों के मुताबिक 10,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुक्सान हुआ। विशेषज्ञों...

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ग्रीन क्रेडिट से पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन, लेकिन चाहिए मजबूत नियामक तंत्र

मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने टिकाऊ विकास और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए “ग्रीन क्रेडिट” स्कीम का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत व्यक्ति, संगठन और उद्योग पर्यावरण के लिए फायदेमंद मानी जाने वाली स्वैच्छिक गतिविधियों के लिए ग्रीन क्रेडिट पा सकते हैं। लेकिन जानकारों ने चेतावनी दी है कि उचित निगरानी या मजबूत नियामक तंत्र के बिना, यह योजना ग्रीनवॉशिंग (पर्यावरण को बचाने से जुड़े...

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राष्ट्रीय विद्युत योजना: अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ने का अनुमान, कोयले पर निर्भरता रहेगी जारी

मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त भारत की राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) के अनुमान के अनुसार, देश साल 2026-27 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का लगभग 55% स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा। यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो भारत जलवायु शमन के स्वैच्छिक लक्ष्य, नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन (एनडीसी) या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को साल 2030 की समय सीमा से पहले हासिल कर लेगा। देश ने अपने संशोधित...

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आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...

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किस हाल में हैं विनोबा भावे के ग्रामदानी गांव?

डाउन टू अर्थ. 7 अगस्त "दिल्ली और मुंबई में हमारी सरकार है, लेकिन हमारे गांव में, हम खुद सरकार हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के वन क्षेत्र के अंदर बसे गांव मेंढा (लेखा) में यह वाक्य लिखा एक बोर्ड आपका स्वागत करता है। बोर्ड पर लिखा यह वाक्य जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए गांव द्वारा स्थापित स्व-शासन की एक बानगी है। लगभग 500 गोंड आदिवासियों के इस गांव ने...

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