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कपास की जीएम किस्म बॉलगार्ड टू राउंडअप रेडी फलेक्स को जीईएसी की मंजूरी की तैयारी

रूरल वॉयस, 29 अक्टूबर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) द्वारा सरसों की जीएम किस्म डीएमएच-11 की इनवायरमेंटल रिलीज की सिफारिशों के 26 अक्तूबर को सार्वजनिक होने के बाद से जीएम फसलों के विरोध में कई संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कृषि वैज्ञानिक जीईएसी के इस कदम से काफी उत्साहित हैं। इसी बीच इस बात की संभावना बढ़ गई है कि जीईएसी की अगली बैठक में कपास की हर्बिसाइड टॉलरेंट...

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नीम के पत्ते से तैयार करें जैविक खाद, मिलेगा बेहतर उत्पादन, पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

दैनिक जागरण, 11 अक्टूबर रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग किए बिना खेती बारी करना असंभव सा होता जा रहा है। कीटनाशकों के प्रयोग से तैयार होने वाली फसल का सेवन करने से मानव जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इससे उबरने के लिए काशीपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जैविक खेती करने की दिशा में कदम उठाया गया है। जैविक खेती करने से...

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अनानास उगाने वाले किसान ढूंढ रहे हैं मंडी, लॉकडाउन ने किया था बर्बाद

डाउन टू अर्थ, 08 अगस्त बिहार के पूर्वोत्तर छोर पर स्थित किशनगंज जिला को चाय और अनानास की खेती खास बनाती है लेकिन लॉकडाउन का धक्का खाने वाले किसान अब मंडी की कमी के चलते सही भाव नहीं हासिल कर पा रहे हैं। अब इलाके में एक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है ताकि अनानास उगाने वाले किसानों को उनकी उपज का सही दाम हासिल हो सके।    किशनगंज में मुख्य...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना

-आइडियाज फॉर इंडिया, सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के संविधान में जलवायु संबंधी कई क्षेत्रों में राज्यों के महत्वपूर्ण कर्त्तव्य निर्धारित किये गए हैं। वे जलवायु नीति में संस्थागत सुधार...

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