SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1033

ज्यादा एमएसपी मिलने के बावजूद सरकारी खरीद केंद्रों के बजाए निजी व्यापारियों को धान बेच रहे हैं किसान

गाँव कनेक्शन , 21 नवम्बर रायबरेली में वसौना खेड़ा गाँव के ओम प्रकाश यादव के गाँव का नजदीकी सरकारी खरीद केंद्र उनके धान की बेहतर कीमत लगा रहा था। लेकिन वह वहां नहीं गए, उन्होंने अपना 40 क्विंटल (1 क्विंटल = 100 किलोग्राम) धान एक निजी व्यापारी को बेचना पसंद किया। उन्होंने गाँव कनेक्शन को इसकी वजह बताते हुए कहा, "मुझे कहीं जाना नहीं पड़ा। मैंने सीधे अपने खेत से इसे...

More »

भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

More »

जम्मू कश्मीर: सेब के हज़ारों ट्रक हाईवे पर फंसने के चलते करोड़ों की फसल सड़ने की कगार पर

द वायर, 30 सितम्बर एप्पल फारमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफएफआई) ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से एक शिकायत में कहा है कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनियंत्रित यातायात के कारण घाटी के सेब किसानों को भारी नुकसान हुआ है. द हिंदू के मुताबिक, देश के विभिन्न बाजारों में भेजे जाने वाले करीब 5,000 सेब से भरे ट्रक राजमार्ग पर फंसे हुए हैं और किसानों को डर है कि इससे न...

More »

भारत में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से सिंगापुर में महंगा हुआ आटा, भोजनालयों पर असर

अमर उजाला, 27 सितम्बर भारत में गेहूं निर्यात पर मई से प्रतिबंध लागू होने का असर सिंगापुर के भोजनालयों में दिखाई दे रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोटी पसंद करने वाले पंजाबी समुदाय को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।  सुपरमार्केट शृंखला फेयरप्राइस ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में मांग बढ़ने के कारण गेहूं के आटे की आपूर्ति कम रही है। भारत में गेहूं और आटे के निर्यात पर...

More »

मॉरीशस: विदेशी धरती पर बसा एक उन्नत भारत

जनचौक,15 सितम्बर 1598 के पूर्व मॉरीशस की धरती सुनसान थी। लगभग 90 किलोमीटर लम्बे और 40 किलोमीटर चौड़े द्वीप पर इन्सान नहीं रहते थे। सबसे पहले डच लोगों ने इस धरती को छुआ था। ऐसा अकस्मात हुआ था। वे जावा में बस गए थे और वहीं से मसालों का व्यापार करते थे। इसी प्रक्रिया में वे 1598 में मॉरीशस की धरती तक पहुंचे मगर वहां बसे नहीं। कुछ दशकों बाद, 1638...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close