बढ़ती महंगाई एक बार फिर चर्चा में है। वरना तो महंगाई का जिक्र चुनावी सभाओं या नीति आयोग जैसी संस्थाओं की गंभीर बैठकों में होता है। अर्थशास्त्री इसे मुद्रास्फीति से जोड़ते हैं तो किसान-दुकानदार 'मुनाफाखोरी" से। महंगाई पर चर्चा क्या सिर्फ आंकड़ों की कलाबाजी है या फिर यह हकीकत से भी जुड़ी है? सरकार का दावा है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों से गिरकर एक अंक की हो गई...
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नीतीश ने PM मोदी से कहा, विशेष राज्य का दर्जा दें, खत्म करें राज्यपाल का पद
नयी दिल्ली : शनिवार को 10 साल के अंतराल में आयोजित अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सामाजिक और आर्थिक हालात को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. उन्होंने पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की भी मांग की. साथ ही नीतीश ने राज्यपाल का पद समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान संघीय गणतांत्रिक परिवेश में इस...
More »कहीं पत्रकारिता की शक्ल अचानक बदलने तो नहीं लगी...?-- सुधीर जैन
पत्रकारिता पर क्या वाकई विश्वसनीयता का संकट आ गया है...? यह सवाल विद्वान लोग उठाते थे, अब जनसाधारण में ये बातें होने लगी हैं। पहले और अब में एक फर्क यह भी है कि पहले अपनी विश्वसनीयता के कारण पत्रकारिता जनता पर जितना असर डालती थी, अब उतना नहीं डाल पाती। अब तो मीडिया का पाठक या दर्शक हाल के हाल उसकी ख़बरों और खयालों पर टीका-टिप्पणी करने लगा है।...
More »कितने स्मार्ट हो पायेंगे हमारे शहर-- नारायण कृष्णमूर्ति
टेक्नोलॉजी, खासकर इंटरनेट ने हमारे कामकाज का रवैया बदल दिया है। अब घर बैठे स्मार्ट ग्रिड के जरिये निर्बाध इंटरनेट, गैस, बिजली और पानी प्राप्त करने की कल्पना सपना नहीं है। इस लिहाज से स्मार्ट सिटी का स्वागत करना चाहिए, जहां हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा रहेगा और तमाम नागरिक सुविधाएं हासिल कर पाएगा। सोच यह है कि इन स्मार्ट नगरों को ऐसे बनाया जाए कि वे शिक्षा, रोजगार और...
More »छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़गुजरात के...
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