संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और इंटरनेशनल लाइवस्टोक रिसर्च इंस्टीट्यूट (ILRI) द्वारा 6 जुलाई (इस वर्ष विश्व भर में अनुसंधान संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वर्ल्ड जूनोसेस डे के रूप में मनाया गया) को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि मनुष्यों में 60 प्रतिशत ज्ञात संक्रामक रोगों की उत्पत्ति कहीं न कहीं एक जानवर से संबंधित रही है. इसी तरह, सभी नए और उभरते संक्रामक...
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बुझ रही है कुदरत की लालटेन
-डाउन टू अर्थ, मसूरी के लंडोर में रहते हुए मुझे दो साल से अधिक हो गए हैं लेकिन मैंने कभी जुगनुओं को नहीं देखा था। स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्होंने भी पिछले दो दशकों से जुगनू नहीं देखे। दुनियाभर में जुगनुओं के गायब होने का जो ट्रेंड देखा जा रहा है, लंडोर भी उससे अछूता नहीं है। लेकिन मुझे आश्चर्य उस वक्त हुआ जब इस साल जुलाई-अगस्त के महीने में...
More »गरीब की मौत पर तमाशा-- शशिशेखर
राजनीतिज्ञों का एक बड़ा वर्ग यह कहकर मूंछें ऐंठता आया है कि 2005 से 2015 के बीच भारत ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्त किया और देश में गरीबी 50 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत तक आ गई। अगर यह सच है, तो फिर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साल-दर-साल इतनी बड़ी संख्या में अकाल मौत के शिकार होने वाले लोग कौन हैं? आपको जानकर आश्चर्य...
More »गांवों-शहरों का बुनियादी ढांचा-- वरुण गांधी
अहमदाबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भावनगर के किसान स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने गांव को शहरी सीमा में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा ही विरोध सूरत, हिम्मतनगर और मोरबी-वांकानेर के करीबी गांवों में भी देखने में आया है. यह असामान्य रुख है. ऐसा लग रहा है कि शहरीकरण के फायदों को ठुकराया जा रहा है. इस दौरान, भारत के शहरी...
More »चीनी महिलाएं, आधे आकाश में-- राजीव रंजन
खुले बाल, हवा के संग लहराते, बेरोक-टोक. ऐसा लगता है जैसे चीनी महिलाओं की स्वच्छंदता और आकाश की नयी ऊंचाईयों को छूने की दास्तां हो. बेबाक हंसी और ठिठोलियां. अपनी पसंद और मर्जी से प्यार और शादी. मर्दों के संग कंधा से कंधा मिलाकर खेतों में, घरों में, आॅफिसों या कंपनियों में, हर जगह दस्तक देती नजर आ रही हैं चीनी महिलाएं! ऐसा नहीं कि ये सब रातोंरात हो गया...
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