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गंभीर होते खेती व रोजगार के सवाल - प्रदीप सिंह

लोकसभा चुनाव अभी सवा साल दूर हैं। इसे यों भी कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में बस 16 महीने रह गए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव में एक बड़ा फर्क होगा। तब कांग्रेस सत्ता में थी और उससे सवाल पूछे जा रहे थे। आज भाजपा सत्ता में है और उससे जवाब मांगा...

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कौड़ि‍यों के भाव बिकने वाली प्याज अब आम आदमी के निकालेगी आंसू

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में 20 दिन पहले जो प्याज सरकार के आंसू निकाल रही थी, अब वही प्याज आम आदमी की जेब पर भारी पड़ने वाली है। मंडियों में प्याज की आवक कम होने से प्याज के भाव ने तेजी पकड़ ली है। थोक में अच्छी प्याज 18 से 20 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। ठेलों पर प्याज 25 से 30 रुपए मिलने लगी है। जानकारों की मानें तो...

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असली कर्जदार कौन है?-- योगेन्द्र यादव

मंदसौर गोलीकांड को एक महीना हो गया. इस एक महीने में किसान के सवाल पर देश में संवेदना उभरी, कुछ समझ भी बनी. खुद किसान का संघर्ष मजबूत हुआ, एक संकल्प भी बना. लेकिन, क्या इस संवेदना और संघर्ष से कोई समाधान निकलेगा? पिछले एक महीने में किसान के सवाल पर जितनी चर्चा मीडिया में हुई, उतनी पिछले दस साल में नहीं हुई होगी. कम-से-कम अखबार पढ़नेवाले और टीवी...

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बारिश से 'लाल' हुआ टमाटर, भाव पहुंचे 80 रुपये के पार

जैसे-जैसे बरसात के मौसम की शुरुआत हो रही है, टमाटर के भाव आसमान छूने लगे हैं. यही वजह है कि महज कुछ दिन पहले जो टमाटर 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 80 रुपये किलो से भी आगे पहुंच गया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ना शुरू कर दिया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे सब्जी विक्रेता बारिश को दोषी...

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हमें और मंदसौर नहीं चाहिए-- शशिशेखर

दसौर की घटना पर आंसू बहाने वाले दिल कड़ा कर लें, क्योंकि असंतोष की चिनगारियां देश के कई हिस्सों में छिटक रही हैं। कारण? गांवों और कस्बों में रहने वाली देश की बड़ी आबादी के लिए ताकतवर भारतीय राष्ट्र-राज्य अब भी दूर की कौड़ी है। क्या हमें इस बात पर शर्म नहीं आनी चाहिए कि कृषि-प्रधान कहलाने वाले देश की कोई कारगर ‘राष्ट्रीय कृषि नीति' नहीं है? 1947 से अब...

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