द थर्ड पोल, 17 नवम्बर गद्दी, हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चरवाहा समुदाय है। वर्ष 2011 में हुई हालिया भारतीय जनगणना के हिसाब से इनकी आबादी 1,78,000 है। अब जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयन वाटरशेड की आबादी प्रभावित हो रही है, ऐसे में गद्दी समुदाय को लेकर इस तरह के शोध उपयोगी साबित हो रहे हैं: गद्दी समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियां, और उनके जवाब में इनकी प्रतिक्रियाएं बेहद अहम...
More »SEARCH RESULT
यूरेनियम खदानों के पास रहने वाले लोगों ने कहा, प्रदूषण से उनकी सेहत और खेतों पर असर पड़ा
मोंगाबे हिंदी, 06 नवम्बर आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडपा जिले के तुम्मलपल्ले और अन्य गांवों के पास यूरेनियम टेलिंग्स तालाब में यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) द्वारा खनन के संभावित प्रभावों के कारण, प्रभावित स्थानीय समुदाय पिछले एक दशक से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टेलिंग का मतलब खनन प्रक्रियाओं के बाद बचे अपशिष्ट पदार्थ से है। यह खदान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के निर्वाचन क्षेत्र पुलिवेंदुला में...
More »कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन
मोंगाबे हिंदी, 26 अक्टूबर हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम (एचयूसी) के फेलो जैकब एफ. स्टीनर ने कहा, “वैज्ञानिकों के रूप में, हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि हिमालय में ग्लेशियर किस पैमाने पर पिघल रहे हैं।” उदाहरण के लिए, हिमालय में एक ग्लेशियर है जिसकी सबसे लंबे समय तक निगरानी की गई है। यह अब लगभग मर चुका है। वहां जो बचा है वह सिर्फ बर्फ का एक लटका हुआ...
More »क्या बाड़ लगाने से कम हो सकता है बांग्लादेश के सुंदरबन में मानव-बाघ संघर्ष?
मोंगाबे हिंदी, 20 अक्टूबर अधिकारी सुंदरबन में मानव-बाघ संघर्ष से निपटने के लिए एक नए और अनोखे समाधान के साथ आगे आए हैं। वह इस इलाके को नायलॉन की बाड़ लगाकर सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल, उनका लक्ष्य मैंग्रोव में समुदायों और लुप्तप्राय बड़ी बिल्लियों की रक्षा करना है। यह कदम बांग्लादेश वन विभाग की तीन-वर्षीय सुंदरबन बाघ संरक्षण परियोजना का हिस्सा है। इसे मार्च 2022 में शुरू किया...
More »हिमालय पर संकट: आपदाओं पर अंकुश के लिए पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जरूरी
डाउन टू अर्थ, 11 अक्टूबर हिमालय में बढ़ती आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए ग्राम पंचायतों और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर योजनाएं बनानी होंगी और स्थानीय लोगों के पारंपरिक ज्ञान को आधार बनाना होगा। हिमालय के पर्यावरण पर काम कर रही संस्था हिमधरा पर्यावरण समूह द्वारा ‘हिमालय में आपदा-निर्माण’ नामक रिपोर्ट का सारांश यही है। यह रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2023 को जारी की गई। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन के...
More »