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यूपी: हर जिले को 'एक जनपद एक उत्पाद योजना' से मिलेगी पहचान

लखनऊ : राज्य सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने 'एक जनपद, एक उत्पाद योजना' के तहत सूबे के सभी जिले के उत्पादों को पहचान मिलेगी. साथ ही रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गयी है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस योजना...

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अभिजीत मुखोपाध्याय-- अभिजीत मुखोपाध्याय

विमुद्रीकरण की घोषणा के ठीक एक साल बाद, यह पूरी तरह स्पष्ट है कि यह कदम विशुद्ध रूप से एक राजनीतिक हथकंडा था. जिसका मकसद प्रधानमंत्री को काला धन से लड़नेवाले एक ऐसे जेहादी अवतार के तौर पर पेश करना था, जो भ्रष्ट अमीरों की जान के पीछे पड़ा है.   8 नवंबर, 2016 को स्पष्ट उनके अपने शब्दों में- ‘इसलिए, भ्रष्टाचार, काला धन, नकली नोटों और आतंकवाद के विरुद्ध इस लड़ाई...

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मिल्क डे पर विशेषः कहीं आप दूध के रूप में जहर तो नहीं पी रहे?

आज वर्ल्ड मिल्क डे है. दुनिया के कई देशों में यह दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल, दूध को पूर्ण आहार माना गया है. दूध में हर वो तत्व पाया जाता है, जिसकी इनसान को जरूरत होती है. इसलिए संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर आॅर्गेनाइजेशन ने भी इसके महत्व को समझा और 1 जून, 2001 को विश्व दुग्ध दिवस (वर्ल्ड मिल्क डे) के रूप में मनाने की घोषणा...

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महाराष्ट्र में सरकार ने रद्द किए 72 हजार सहकारी संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन-- संजय सावंत

महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली बार फर्जी सहकारिता संस्थाओं (कोऑपरेटिव यूनियन्स) पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है. राज्य की 72 हजार सहकारी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. इन संस्थाओं पर कई तरह के 12 मानदंडों के आधार पर कार्रवाई की गई है. महाराष्ट्र में कुल दो लाख 38 हजार पंजीकृत सहकारी संस्थाएं हैं. इसके पहले के सरकार के दौरान फर्जी सहकारी संस्थाओं...

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आज तो आजिज हैं सब गरीब! - मृण्‍ााल पांडे

दु:ख, असहायता और राज-समाज के उत्पीड़न से भारतीय गरीबों का इतनी सदियों से रिश्ता रहा है कि वे अक्सर उसे खामोशी से सहते रहते हैं। पर हमारे यहां जनता की अनसुनी मूक व्यथा को स्वर देने वाले जनकवियों की वाल्मीकि से लेकर बाबा नागार्जुन तक एक लंबी परंपरा भी है, जिसमें नज़ीर अकबराबादी भी आते हैं। मध्यकाल में जब दिल्ली की बादशाहत उजड़ रही थी और जनता जाट, रुहेले, मराठा...

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