-डाउन टू अर्थ, वायुमंडलीय माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के उभरते खतरे ने उन क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है जिन्हें पहले प्लास्टिक की पहुंच से बाहर माना जाता था। दुनिया भर में इस समस्या की सीमा को समझने के लिए वायुमंडलीय माइक्रोप्लास्टिक की सीमा की जांच करना महत्वपूर्ण है। अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि दुनिया भर में माउंट एवरेस्ट से लेकर मारियाना ट्रेंच तक हर जगह माइक्रोप्लास्टिक...
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गलवन टकराव वर्षगांठ: गफलतों से सीखने का वक्त
-आउटलुक, “गलवन घाटी में हुई गफलतों के सबक अल्पकालिक राजनैतिक फायदे की खातिर दफन करना मुनासिब नहीं” लद्दाख में जून 2020 में विवादास्पद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सैन्य कार्रवाइयों से भारत ‘हैरान’ रह गया था। दोनों तरफ जवानों को जान गंवानी पड़ी। दोनों देशों के पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और खराब हो गए और सैन्य टकराव के काले बादल घुमड़ने लगे। उस घटना के साल भर बाद भी रणनीतिक...
More »सुंदरवन से निकला 10 टन प्लास्टिक, अभी सफाई जारी
-डाउन टू अर्थ, यास चक्रवात के बाद सुंदरवन के प्रभावित लोगों तक राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए कई एनजीओ आगे आये और उनकी तरफ से भोजन से लेकर पानी तक पहुंचाया गया। लेकिन इस राहत अभियान ने सुंदरवन के इको-सिस्टम पर भी बहुत असर डाला है। सुंदरवन की नदियां-तालाब व जमीन प्लास्टिक के बोतल, फुड पैकेट्स, पाउच आदि से भर गये। सुंदरवन का इलाका पश्चिम बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना...
More »#Exclusive: भगोड़े, धोखाधड़ी के आरोपी हरीश पाठक से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खरीदी जमीन
-न्यूजलॉन्ड्री, हरीश पाठक का नाम याद रखिए. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर मोटे पैसे का हेरफेर करके जो ज़मीन खरीदी गई है उसके केंद्र में हरीश पाठक हैं. हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक वो शख्स हैं जिनसे दो करोड़ में जमीन खरीद कर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने दो मिनट के भीतर राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बेंच दी. लेकिन हरीश पाठक...
More »खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!
30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...
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