SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 283

हाथों से मैला उठाने की कुप्रथा यहाँ पीढ़ियों से चली आ रही, इस दंष से अभी तक आजाद नहीं हुई ये महिलाएं

-गांव कनेक्शन, बांस की डलिया बगल में दबाकर नीले रंग की छींटदार साड़ी पहने शोभारानी रोजमर्रा की तरह आज भी सुबह 10 बजे मैला उठाने के लिए गाँव की गलियों में निकल पड़ी थीं। नाक पर साड़ी का पल्लू बांधकर ये मैला उठा रहीं थीं। शोभारानी अपने गांव में ही उन घरों से मैला (मानव मल) उठाने जा रही थीं, जिनके घरों में या तो शौचालय नहीं हैं या फिर वो...

More »

नौबत बाजा: रेडियो मिस्ड काॅल के जरिए बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अनूठी तकनीक

-लोक संवाद, मोबाइल फोन और रेडियो चैनल को आपस में जोड कर शिक्षा व मनोरंजन की तकनीक से इस्तेमाल किया गया एक नया प्रयोग नौबत बाजा रेडियो मिस्ड काॅल वाला बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैला रहा... काॅलर को सिर्फ 7733959595  पर मिस्ड काॅल देनी होती है। इसके बाद दूसरे नम्बर से काॅल होती है और उस पर होती है ढेर सारी जानकारियां और मनोरंजक बातें।  राजस्थान में शिक्षा का प्रसार भले ही...

More »

बिहार के खुले में शौच से मुक्त होने के दावे पर सवाल, एक भी गांव का नहीं हुआ दोबारा सत्यापन

-द वायर, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है और बाकी के दो चरणों का मतदान अभी बाकी है. इस बीच जहां एक तरफ विपक्ष के नेता अपनी रैलियों में सरकार की नाकामियां गिनाकर वोटरों को लुभाना चाह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने दावा किया है कि पिछले 15 सालों में राज्य में खूब विकास हुआ है...

More »

निम्न GDP, स्वच्छता की खराब हालत वाले देशों में कोविड-19 से कम मौतें: रिपोर्ट

-द प्रिंट, भारतीय शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन देशों में स्वच्छता की स्थिति खराब है और पानी आपूर्ति की गुणवत्ता ज्यादा अच्छी नहीं है वहां समृद्ध देशों की तुलना में कोविड-19 मृत्यु दर (सीएफआर) कम दिखाई देती है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इसका मतलब यह नहीं है कि स्वच्छता की खराब स्थिति वांछनीय है. वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डा. शेखर मांडे ने कहा कि इस निष्कर्ष...

More »

स्वच्छ भारत मिशन से साल भर में हर परिवार को हुआ करीब 53,536 रुपए का फायदा

-डाउन टू अर्थ, एक शोध से पता चला है कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) से साल भर में हर घर को करीब 53,536 रुपए (727 डॉलर) का फायदा हुआ। जर्नल वर्ल्ड डेवलपमेंट में छपे इस अध्ययन के अनुसार यदि इस मिशन से हुए फायदे को देखें तो, 10 वर्षों के दौरान इस परियोजना पर जितना खर्च किया गया है वो उससे 4.3 गुना ज्यादा है।  शोध के अनुसार जहां इस मिशन के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close