SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 66

मॉन्ट्रियल सम्मेलन: जैव विविधता क्यों है मीडिया की बहस से गायब

कार्बनकॉपी, 8 दिसंबर पिछले महीने मिस्र के शर्म-अल-शेख में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप) को लेकर मीडिया में जैसी (थोड़ी बहुत ही सही) हलचल थी वैसी अभी कनाडा के मॉन्ट्रियल में चल रहे जैव विवधता संरक्षण सम्मेलन (सीबीडी) को लेकर नहीं दिख रही। हालांकि जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता दोनों ही विषयों पर संयुक्त राष्ट्र के फ्रेमवर्क कंन्वेन्शन 1992 में हुये रियो अर्थ समिट में एक साथ स्थापित किए गए और...

More »

कैसे बचेगी जैवविविधता, जब भारत का महज 6 फीसदी से भी कम हिस्सा है संरक्षित

डाउन टू अर्थ, 01 दिसंबर संरक्षित क्षेत्र, जैव विविधता की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी उपकरणों में से एक हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत के कुल क्षेत्रफल का 6 फीसदी से भी कम हिस्सा संरक्षित क्षेत्र है। इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि 2020 में देश का केवल 6 फीसदी हिस्सा संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित था। वहीं 2010 में यह क्षेत्र...

More »

जैव-विविधता को सहेजने के लिए सामुदायिक भागीदारी से बढ़ेगा संरक्षित क्षेत्र

मोंगबाय हिंदी, 13 अक्टूबर जैव-विविधता पर गहराते संकट को हल करने के लिए दुनिया भर में कई तरह की कोशिशें चल रही हैं। इन्हीं में से एक है  साल 2030 तक धरती के 30 प्रतिशत हिस्से को संरक्षित दायरे में लाने का प्रयास। इसका उद्देश्य धरती से तेजी से लुप्त हो रही प्रजातियों की रक्षा करना और इसके महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र को बचाना है। इसी वैश्विक लक्ष्य को आमतौर पर 30×30...

More »

48 वर्षों में वन्य जीवों की आबादी में दर्ज की गई 69 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 13 अक्टूबर वैश्विक स्तर पर 1970 से 2018 के बीच 48 वर्षों के दौरान वन्य जीवों की आबादी में 69 फीसदी की गिरावट में दर्ज की गई है। यह जानकारी आज विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा जारी नई रिपोर्ट “लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022” में सामने आई है। हैरान कर देने वाली बात है कि नदियों में पाए जाने वाले जीवों की करीब 83 फीसदी आबादी अब नहीं बची है।...

More »

खतरे में है दिल्ली में पेड़ों की सभी प्रजातियों का अस्तित्व

डाउन टू अर्थ, 27 सितम्बर जलवायु में आते बदलावों के चलते दिल्ली में पेड़ों की सभी प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में है। इतना है नहीं एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान और बारिश में आते बदलावों के चलते दुनिया भर में शहरों में पाई जाने वाली पेड़ों की करीब आधी प्रजातियों का भविष्य संकट में है। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है जोकि 19...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close