डाउन टू अर्थ, 15 सितम्बर नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) के वैज्ञानिकों के मुताबिक, 1880 में वैश्विक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से 2023 सबसे अधिक गर्म साल रहा। नासा के रिकॉर्ड में जून, जुलाई और अगस्त के महीने किसी भी अन्य गर्म महीनों की तुलना में 0.23 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहे और 1951 से 1980 के बीच की औसत गर्मियों की तुलना में 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक...
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जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होती जलवायु पहले से ही सूखे बुंदेलखंड को और झुलसा रही है
इंडियास्पेंड, 13 सितम्बर "इस असहनीय गर्मी में भी हमें पानी के लिए रोज 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।" मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक आदिवासी सुमिंत्रा देवी अपना दर्द साझा करते हुए कहती हैं। बुजुर्ग सुमिंत्रा देवी (65) बुन्देलखण्ड के लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत के सूखाग्रस्त गांव नई बस्ती में रहती हैं। वे एक बार में प्लास्टिक के चार डिब्बे में लगभग 80 लीटर पानी लाती है। उनके घर में कुल...
More »जम्मू के जिलों में बढ़ते तापमान से स्थानीय जनजातियों की आजीविका को खतरा
मोंगाबे हिंदी, 05 सितम्बर जम्मू यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग की एक रिसर्च टीम ने जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर जम्मू और कश्मीर में जम्मू प्रांत के 10 जिलों की रैंकिंग की। उन्होंने जम्मू प्रांत में बारिश और तापमान जैसे जलवायु परिवर्तन के जोखिम की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए, श्रीनगर के भारत मौसम विज्ञान विभाग से मदद ली। टीम ने तीन दशकों में मौसम केंद्रों से...
More »खंड-खंड होते उत्तराखंड के लिए जिम्मेवार कौन, कहां बसेंगे उजड़े लोग
डाउन टू अर्थ, 28 अगस्त अक्टूबर का महीना है। आमतौर पर हिमालयी राज्य उत्तराखंड में सितंबर के दूसरे हफ्ते तक बारिश बंद हो जाती है और अक्टूबर की शुरुआत में मानसून विदा हो जाता है। राज्य के प्रमुख शहर जोशीमठ जैसे ऊंचाई वाले नगरों और गांव में अब तक ठंड पांव पसारने लगती है। लोग तेजी से अपने खेत-खलिहानों के काम निपटा रहे होते हैं, ताकि दीपावली से पहले सभी काम...
More »आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...
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