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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन का कहर

जनचौक, 06 अगस्त अंधाधुंध सड़क निर्माण और जल विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को बढ़ा रही हैं जो हाल के वर्षों में बादल फटने और अचानक बाढ़ आने (flash floods) के रूप में प्रकट हो रहा है। हर गुजरते साल के साथ, आपदाओं की आवृत्ति और परिमाण दोनों और अधिक गंभीर होते जा रहे हैं। यह कैसे जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को प्रभावित कर...

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बाढ़ को असम से इतनी मोहब्बत क्यों ?

हर बरस की बात है यहां. बारिश का सीजन आता है. बाढ़ की खबरें आती हैं. मौत के आंकड़े आते हैं और, अंत में ‘राहत की घोषणा’ होती है! घोषणा आते ही सरकार की वाहवाही शुरू हो जाती हैं. इस वाहवाही की गूंज के पीछे छिप जाती है आम लोगों की ‘चीत्कार’...ऐसी ही कहानी है ‘असम’ की. उत्तर–पूर्वी भारत का एक राज्य जो मई और जून के महीनों में बाढ़ से जूझता...

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असम: जिस ओर नजर सिर्फ पानी ही पानी, जान माल की भारी क्षति

न्यूज़लॉन्ड्री, 19 जुलाई असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है. यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी. इसी हाईवे पर 43 वर्षीय रहीसुद्दीन अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ मदद का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में नगांव जिले के राहा अनुमंडल के काकोटी गांव निवासी रहीसुद्दीन अपने गांव वापस जाने के लिए किसी नाव की...

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ग्राउंड रिपोर्ट: पिछले 122 सालों में सबसे विनाशकारी बाढ़, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश में बाढ़ की दूसरी लहर से 40 लाख से ज्यादा प्रभावित

गाँव कनेक्शन, 6 जुलाई बाढ़ ने एक बार फिर बांग्लादेश को प्रभावित किया है। यहां 70 लाख से ज्यादा लोगों को खाद्य आपूर्ति, आश्रय और बाढ़ राहत की तत्काल जरूरत है। देश का उत्तर-पूर्वी डेल्टा क्षेत्र, खासतौर पर सिलहट, सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि कभी इससे पहले उन्होंने ऐसी विनाशकारी बाढ़ देखी हो। देश इस साल मई से बाढ़...

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बाढ़ के बाद खाद की कमी और कालाबाज़ारी से जूझते बिहार के किसान

-इंडियास्पेंड, पौल के बीरपुर प्रखंड में सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते किसान। फोटो: अमित चौधरी"धान का सीजन बाढ़ खा गया, अब डीएपी के लिए बाप-बाप कर रहे है। सिर्फ एक दिन गांव में पैक्स वाले के पास डीएपी आया था। भोर में (सुबह) 3.00 बजे से लाइन में लग गए, बावजूद इसके डीएपी और यूरिया नहीं मिला," बिहार के सहरसा जिले के बलवा गांव के सत्तन पासवान अपनी खेती की...

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