गाँव कनेक्शन, 9 जनवरी एक साल पहले 2021 में इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी(ITDA),ने कोरापुट जिले के चार गाँवों की 30 आदिवासी महिलाओं को पहली बार जिले के डोलियांबा गाँव में पांच एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने में मदद की थी। ये महिलाएं तीन स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)-माँ सुभद्रा, माँ तारिणी और माँ बरुआ- से जुड़ी हुईं थीं। आज ये आदिवासी महिलाएं सफल स्ट्रॉबेरी किसान हैं। इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी,...
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हाशिए पर रखी गई भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसकी चुनौतियां!
गाँव सवेरा, 4 जनवरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है। इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं। लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं। इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है। यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है। रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के...
More »CMIE रिपोर्ट: बेरोजगारी में फिर पहले नंबर पर रहा हरियाणा, विपक्ष ने साधा निशाना!
गाँव सवेरा, 4 जनवरी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों में हरियाणा फिर से पहले स्थान पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के महीने में हरियाणा में बेरोजगारी की उच्चतम दर 37.4% रही, इसके बाद राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज रही. वहीं बिहार में 19.1 प्रतिशत और झारखंड 18 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई. बेरोजगारी के...
More »मनरेगा मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी,केंद्र सरकार पर राज्यों का 7500 करोड़ बकाया!
गाँव सवेरा, 30 दिसंबर मनरेगा मजदूरों की लंबित राशि का मुद्दा सामने आया है, जिसमें कई संगठनों ने केंद्र सरकार से बकाया भुगतान करने की मांग की. मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) संघर्ष मोर्चा ने केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल की 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की मनरेगा निधि रोकने का आरोप लगाया. नरेगा संघर्ष मोर्चा ने दावा किया कि राज्य में मनरेगा मजदूरों को पिछले साल दिसंबर...
More »सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए साल भर नेताओं और सरकारी बाबुओं से भिड़ते रहे किसान!
गाँव सवेरा , 27 दिसंबर एक ओर राज्य सरकार साल भर किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करते हुए कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर देने की बात करती रही वहीं दूसरी ओर किसान खराब फसलों के मुआवजे, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और खड़े पानी की निकासी जैसे मुद्दों से जूझते रहे. इन सब दिक्कतों के चलते किसान अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में नई खेती नहीं अपना सके और...
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