-द वायर, केंद्र की मोदी सरकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की उस रिपोर्ट में संशोधन कराने की कोशिश कर रही है, जिसमें कैग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को फटकार लगाते हुए कहा था कि हरियाणा के कैथल स्थित अडानी साइलो में स्वीकृत मात्रा में अनाज न रखने के चलते करदाताओं का 6.49 करोड़ रुपये का बेजा खर्च हुआ है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, जिसके अधीन एफसीआई आता...
More »SEARCH RESULT
क्यों मोदी सरकार को मुश्किल वित्तीय हालात से उबरने के लिए तेल की आय पर निर्भरता खत्म करनी चाहिए
-द प्रिंट, पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें पिछले कई हफ्तों से बढ़ रही हैं. देश के कुछ हिस्सों में तो पेट्रोल की खुदरा कीमत प्रति लीटर 100 रुपये को पार कर गई है. मांग में नए सिरे से तेज़ी आने के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, और अपने यहां पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में बढ़ोत्तरी उसी का परिणाम है. पेट्रोल के खुदरा मूल्य का...
More »दिशा रवि की गिरफ्तारी की कहानी और रामदेव की कोरोनिल
-न्यूजलॉन्ड्री, बीते हफ्ते पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू से गिरफ़्तार कर लिया. वो इस समय राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं. 22 वर्षीय दिशा पर आरोप है कि उन्होंने किसानों के आंदोलन को जन-समर्थन दिलाने के लिए स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गयी टूलकिट के निर्माण में भूमिका निभायी थी. ऐसा उन्होंने भारत के खिलाफ साजिशन किया. तो इस बार हम टूलकिट...
More »किसान आंदोलन का एक महीना: ‘हम अपने बच्चों को कॉरपोरेट का लेबर नहीं बनने देंगे’
-द वायर, बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. ये किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाला एक केंद्रीकृत कानून लाया जाए. हालांकि, एक महीने के बाद भी केंद्र सरकार और किसान संगठनों के...
More »सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं पर मोदी सरकार से मांगा जवाब
-द प्रिंट, हाल में बनाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से चार हफ्तों के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है. तीन कानून- कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम -2020, कृषक उत्पाद व्यापार...
More »