"दिहाड़ी मज़दूर को मिलता क्या है. दस घंटे खटकर दो-ढाई सौ रुपए. और सांझ ढले जब लड़खड़ाते कदमों के साथ वो घर लौटे तो देखते ही एहसास हो जाता है कि ज़रूर पसीने की कमाई शराब में गई होगी. तब क्या गुजरता है दिल पर, बयां नहीं कर सकती. दो बच्चों का चेहरा देखकर खुद मज़दूरी करने लगी हूं. अब गांवों में शराब के ख़िलाफ़ जो मुहिम चली है उससे...
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जंगल से आती है भोजन की थाली-- बाबा मायाराम
पिछले साल सत्रह सितम्बर की सुबह 10 बजे थे। ओडिशा का छोटा कस्बा था मुनिगुड़ा। स्कूली बच्चों की एक टोली की भीड़ जमा है। यहां एक खाद्य प्रदर्शनी लगी है। कोई बैल की आकृति का भूरा कांदा, गुलाबी और लाल बेर, गहनों की तरह चमकते मक्के के भुट्टे, काली और सुनहरी धान की बालियां,फल्लियां और छोटे दाने का सांवा, कुटकी और मोतियों की तरह की ज्वार। इस खाद्य प्रदर्शनी में...
More »राष्ट्रीय औसत से भी 30 हजार रुपए कम है मप्र में प्रतिव्यक्ति आय
भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। मप्र की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 72 हजार 599 रुपए हो गई है। हालांकि ये देश की प्रति व्यक्ति आय से कम है। मंगलवार को वित्त मंत्री जयंत मलैया ने विधानसभा में साल 2016-17 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, जिसमें यह आंकड़ें सामने आए। प्रचलित भावों पर देश में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 3 हजार रुपए सालाना है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में मप्र अन्य राज्यों...
More »आदिवासियों को कोसा पालने मिलेगी वन भूमि
कोरबा। पहाड़ी क्षेत्रों में निवासरत कोरवा व बिरहोर आदिवासी परिवार के लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए स्वरोजगार के तहत उन्हें कोसा उत्पादन से जोड़ा जा रहा है। एकीकृत आदिवासी परियोजना के तत्वावधान में रेशम विभाग से 100 परिवारों को प्रशिक्षित किया गया है। आगामी पुसल चक्र जून माह से कोसा उत्पादन कर सकें, इसके लिए रेशम विभाग से सामग्री आपूर्ति की जाएगी। कोरवा और बिरहोर जनजाति के...
More »स्कूलों में असुरक्षित बच्चे-- अरविन्द कुमार सिंह
यह दिल दहला देने वाला कृत्य है कि जयपुर में एक शिक्षक ने दस साल में तकरीबन दो सौ से अधिक बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाया। शिक्षक पर यह भी आरोप है कि वह पीड़ित बच्चों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसा भी वसूलता था। स्कूल प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जहां उसकी जिम्मेदारी आरोपी शिक्षक के कृत्यों की जानकारी पुलिस को देना था, उसने...
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